
पाकिस्तानी तालिबान क्यों अपने ही देश की सरकार और सेना के खिलाफ, क्या है इसका तालिबान से कनेक्शन?
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पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के एक खास इलाके को निशाना बनाकर हवाई हमले किए, जिसमें 46 नागरिकों की मौत हो चुकी. बढ़े हुए तनाव के बीच पाकिस्तानी तालिबान या टीटीपी का नाम आ रहा है. ये वो समूह है, जो पाक से जुड़ा रहते हुए भी इस्लामाबाद के खिलाफ रहा. यहां तक कि वो देश के कई हिस्सों में तालिबानी शासन लाने की कोशिश भी करता रहा.
दुनिया के कई सारे देशों में तो लड़ाई चल ही रही है, अब साल बीतते-बीतते पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी तनाव दिखने लगा. दरअसल मंगलवार रात पाकिस्तान ने पाकिस्तानी तालिबान को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की, जिसमें 46 जानें जा चुकी हैं. मार्च में भी इस्लामाबाद ने इसी गुट के शिविरों पर अटैक किया था. जानें, क्या है पाकिस्तानी तालिबान, और क्यों पाक सेना इसपर उखड़ी रहती है.
क्या हो रहा है नया
हाल में पाकिस्तान के अफगानिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक काबुल पहुंचे थे ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बात हो सके. इस मेलजोल के तुरंत बाद दोनों देशों की सीमा पर टेंशन बढ़ी और मंगलवार की रात कथित तौर पर पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी तालिबान यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कैंपों पर हवाई हमले कर दिए गए, जिसमें काफी कैजुएलिटी रही. हमलों की जिम्मेदारी अब तक किसी ने नहीं ली है, लेकिन कयास लग रहे हैं कि ये काम पाकिस्तानी सेना का हो सकता है, जो टीटीपी से काफी परेशान है.
पाकिस्तान में खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में टीटीपी ने पाक आर्मी की नाक में दम कर रखा है. यहां होने वाले आतंकी हमलों के बीच इसी संगठन का नाम आता रहा. हाल के सालों में तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दिया. टीटीपी पर ये आरोप भी लगते रहे कि उसके लोग तो पाकिस्तानी मूल के हैं लेकिन अपने ही देश की सरकार और सेना के खिलाफ तालिबान से मिले हुए हैं.
फिलहाल माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने टीटीपी को डराने के लिए ये हमला किया होगा. इस बीच ये सवाल आ रहा है कि पाकिस्तानी तालिबान क्या है और इसका काबुल से क्या संबंध है.

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