पहले परमाणु तकनीक बेचता रहा है पाकिस्तान, इस बार एटम बम बेचेगा?: दिन भर, 23 जनवरी
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पाकिस्तान अपनी माली हालत सुधारने के लिए क्या न्यूक्लियर हथियारों का सौदा कर सकता है और ये कितना आसान है? उत्तर प्रदेश में मनरेगा फ़ंड को लेकर क्या धांधली सामने आई है, जोशीमठ की त्रासदी का बद्रीनाथ की यात्रा पर क्या असर पड़ेगा और इंडियन नेवी में शामिल हुए पनडुब्बी वागीर की ख़ासियतें क्या हैं, सुनिए आज के 'दिन भर' में नितिन ठाकुर से.
पड़ोसी मुल्क़ पाकिस्तान का हाल दिन-बदिन ख़राब होता जा रहा है. पाकिस्तान के लोगों को अनाज के लाले पड़े हुए हैं. आलम कुछ ऐसा है कि गरीबों को दो वक़्त की रोटी भी ठीक से मोहताज नहीं हो रही है. आटा, चावल, सब्जी समेत कई तरह के जरूरी घरेलू सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आये हैं, जिसमें लोग खाने-पीने के सामान के लिए आपस में मारा-मारी कर रहे हैं. माली हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि आज भी कराची के कई इलाक़े अँधेरे में डूब गए.
आज की तारीख़ में पाकिस्तान पर दुनिया का क़र्ज़ 100 अरब डॉलर के आसपास है और उसके पास विदेशी मुद्रा का भंडार सिर्फ 4.3 अरब डॉलर बचा है, जो नौ सालों में सबसे निचले स्तर पर है. इतने में पाकिस्तान अपने एक महीने का इम्पोर्ट बिल भी नहीं भर सकता है. इस बीच एक ख़बर सामने आई है जिसमें कहा जा रहा है कि अपनी डांवाडोल इकोनॉमी को बचाने के लिए पाकिस्तान अपने परमाणु बम बेच सकता है. ये शिगूफ़ा कहाँ से निकला और इसमें कितना दम है, क्या न्यूक्लियर एसेट्स का सौदा इतना आसान है और पाकिस्तान के लिए अब आगे रास्ता क्या है?
मनरेगा - महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी क़ानून - 2005 में अस्तित्व में आया. एक ऐसा कानून जिसमें हर ग्रामीण परिवार के सभी वयस्कों को एक न्यूनतम मज़दूरी पर 100 दिनों का रोज़गार देने की बात कही गई है. तब से ये योजना गाँव-जवार में रोज़ी-रोटी ढूँढ़ने वालों के लिए एक तरह से संजीवनी बनकर उभरी. मनरेगा को कभी 'कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक' बताने वाली बीजेपी ने भी इसे जारी रखा.
आपको याद होगा कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में हुए रिवर्स माइग्रेशन ने बेरोजगारी का व्यापक संकट खड़ा कर दिया था और इस दौरान मनरेगा योजना ही मज़दूरों की लाइफ़लाइन बनी. लेकिन हर सरकारी योजना की तरह ये भी गड़बड़ी और गबन से रहित नहीं है. अब उत्तर प्रदेश में इस योजना को लागू करने में बड़ी अनियमितता सामने आई है. किस तरह की गड़बड़ी देखने को मिली है और कौन से ज़िले हैं जहाँ सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
उत्तराखंड के जोशीमठ में आयी त्रासदी ने कई तरह के संकट खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोग तो इसकी मार झेल ही रहे हैं, अब बद्रीनाथ की यात्रा करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को भी परेशानी होने वाली है. जोशीमठ को बद्रीनाथ का द्वार कहा जाता है और यहाँ हजारों तीर्थयात्री आते हैं. आवागमन के लिए भारी संख्या में गाड़ियों का इस्तेमाल भी होता है. लेकिन अब जोशीमठ में कई स्थानों को डेंजर ज़ोन में रखे जाने पर बद्रीनाथ तक के जाने वाले रास्ते इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बधाई देते हुए कहा कि तीसरी बार पद्भार संभालने पर मोदी जी को मेरी हार्दिक बधाई. हालिया चुनावों मं आपकी पार्टी की जीत से आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास का पता चलता है. आइए, नफरत को उम्मीद से खत्म कर दें और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों के भाग्य को चमकाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.