
'पत्नी और बेटियों के पास लौटने की खुशी थी...' कैद से रिहा इजरायली बंधक को नहीं पता था कि हमास ने उन्हें मार डाला
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एली शाराबी 491 दिनों तक हमास के बंधक रहे. उन्हें हमास ने रिहा कर दिया है, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि उनकी पत्नी और बेटियां हमास हमले में मारी गई हैं. परिवार उनकी कमजोरी को लेकर चिंतित है. रिहाई की बाद अब वह भावनात्मक संघर्ष से जूझ रहे हैं.
हमास की तरफ से रिहा किए गए तीन बंधकों में 52 वर्षीय एली शाराबी भी शामिल हैं. उन्हें हमास ने शनिवार को 491 दिनों की कैद के बाद रिहा किया. वह अब एक भावनात्मक संघर्ष से जूझ रहे हैं. रिहाई के बाद, उन्होंने इजरायली सैनिकों से कहा कि वे अपनी पत्नी और दो बेटियों से मिलने के लिए उत्सुक हैं. शाराबी को इस दुखद सच्चाई का पता नहीं था कि उनकी ब्रिटिश मूल की पत्नी ली एन और उनकी बेटियां नोया और येहल की 7 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी.
जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था तब, हमास लड़ाकों ने नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर भी अटैक किया था और शाराबी का अपहरण कर उन्हें गाजा ले गए थे. रिहाई के बाद, हमास ने शाराबी को उनके भाई योसी की मौत के बारे में बताया, जिन्हें भी बंधक बना लिया गया था.
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भाई-बहनों से मिले एली शाराबी
गाजा सीमा पर रेड क्रॉस को सौंपे जाने के बाद शाराबी अपने भाई-बहनों से मिले. वे कमजोर हालत में थे. उनके बहनोई स्टीव ब्रिसले दक्षिण वेल्स के ब्रिजेंड में रहते हैं. उन्होंने उनकी रिहाई पर खुशी जाहिर की और कहा कि उनकी सेहत पर असर पड़ा है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि शाराबी की रिहाई पर वह "भावनाओं का पूरा पेंडुलम - खुशी और राहत से लेकर दिल के दर्द और बीच में सब कुछ" महसूस कर रहे हैं.
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