पंजाब के बैंस ब्रदर्स ने थामा कांग्रेस का हाथ, लोक इंसाफ पार्टी का भी किया विलय
AajTak
बैंस ब्रदर्स के नाम से लोकप्रिय बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस ने 2012 से 2022 तक आतम नगर और लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है. 2019 के आम चुनावों में, लोक इंसाफ पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सिमरजीत बैंस को लगभग 3.07 लाख वोट मिले. हालांकि वह दूसरे स्थान पर रहे.
लोकसभा चुनाव के बीच पंजाब में कांग्रेस को मजबूती मिली है. कारण, लुधियाना में दो बार विधायक रहे बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. इन्हें बैंस ब्रदर्स के नाम से भी जाना जाता है. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रविवार को दिल्ली में पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया. इस दौरान पार्टी में बैंस ब्रदर्स का स्वागत करते हुए देवेंद्र यादव ने कहा कि इससे न केवल लुधियाना संसदीय क्षेत्र में, बल्कि पूरे राज्य में कांग्रेस को बढ़ावा और मजबूती मिलेगी.
बैंस ब्रदर्स के नाम से लोकप्रिय बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस ने 2012 से 2022 तक आतम नगर और लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है. 2019 के आम चुनावों में, लोक इंसाफ पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सिमरजीत बैंस को लगभग 3.07 लाख वोट मिले. हालांकि वह दूसरे स्थान पर रहे.
दरअसल, लोक इंसाफ पार्टी का औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया है. बलविंदर बैंस शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा सदस्य भी हैं. कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद बैंस ब्रदर्स ने कहा कि वे बिना शर्त कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं और आश्वासन दिया कि वे न केवल लुधियाना में, बल्कि राज्य के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे.
बता दें कि लुधियाना पंजाब के 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह पंजाब का एक बड़ा औद्योगिक शहर भी है. 2014 चुनाव के दौरान लुधियाना सीट में कुल 15,61,201 मतदाता थे, जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 8,35,632 और महिला वोटर्स की संख्या 7,25,569 थीं. लुधियाना लोकसभा क्षेत्र के अंदर 9 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें लुधियाना पूर्वी, लुधियाना दक्षिण, अतम नगर, लुधियाना सेंट्रल, लुधियाना पश्चिम, लुधियाना उत्तर, गिल्ल (सुरक्षित), ठखा और जगरोन (सुरक्षित) है.
लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने जीत हासिल की, उन्हें 3,83,795 वोट मिले थे. जबकि लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस 3,07,423 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और शिरोमणि अकाली दल के महेशिंदर सिंह 2,99,435 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.
2019 की तुलना में 2024 में बेहतर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने 99 सीटें जीत ली हैं. 2024 में कांग्रेस ने जिन 99 सीटों पर जीत हासिल की है, उनमें से 42 साउथ इंडिया से हैं. कांग्रेस के लिए साउथ इंडिया ने हमेशा बूस्टर डोज की तरह काम किया है. 1977 में जब इंदिरा गांधी हार गई थीं तो साउथ इंडिया ने ही उन्हें संसद पहुंचाया था. सोनिया गांधी ने भी अपना पहला चुनाव साउथ इंडिया से ही लड़ा था.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया है. ऐसे में जल्द ही नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. जानकारी के अनुसार एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है. जानकारों का मानना है कि अगर एनडीए ही नई सरकार बनाती है, तो इस बार कैबिनेट जरूर पूरी तरह से बदली हुई नजर आएगी.
लोकसभा चुनाव नतीजों में कश्मीर का जनादेश चौंकाने वाली रहा. 'नया कश्मीर' ने दो हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की जगह जेल में बंद इंजीनियर राशिद को चुना है. चुनाव के दिन सूबे की जनता ने ऐतिहासिक रूप से बड़ी संख्या में घरों से निकलकर ऐसी नाटकीय पटकथा लिखी जिसने जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ़्ती की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.