नेपाल प्लेन क्रैशः त्रिपाठी दंपति ने दी थी तलाक की अर्जी... 10 दिन साथ रहने की शर्त पर गए थे नेपाल, हादसे ने छीन ली जिंदगी
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29 मई 2022 को नेपाल के तारा एयर का एक ट्विन ओटर (Twin Otter) प्लेन लापता हो गया. कई घंटों तक खोजबीन के बाद भी इसका पता नहीं लग पाया था. इसी प्लने में मुंबई के ठाणे का त्रिपाठी परिवार भी था. अशोक त्रिपाठी ने वैभवी से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी.
नेपाल में प्लेन क्रैश होने से 22 लोगों की जिंदगियां खत्म हो गईं. मरने वालों में एक परिवार भारत का भी था. नेपाल में भारतीय दूतावास ने कहा कि ठाणे के अशोक त्रिपाठी (54), उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर-त्रिपाठी (51), बेटा धनुष त्रिपाठी (22) और बेटी ऋतिका त्रिपाठी (18) भी प्लेन में यात्रा कर रही थीं. सभी नेपाल के पोखरा स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे. लेकिन इस परिवार की कहानी चौंका देने वाली है.
दरअसल, अशोक त्रिपाठी अपनी पत्नी वैभवी से अलग रह रहे थे. दोनों का तलाक होने वाला था, मामला कोर्ट में था. लेकिन कोर्ट ने फैसले तक हर साल पूरे परिवार को 10 दिन साथ बिताने को कहा था. इसी के चलते परिवार नेपाल गया था. दोनों बच्चे वैभवी के साथ रहते थे, जबकि अशोक अकेले रहते थे.
घर में सिर्फ वैभवी की बुजुर्ग मां बची हैं
अशोक के साथ उनके एक चचेरे भाई भी जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त में प्लान बदल लिया था. प्लेन के क्रेश की जानकारी मिलने पर वैभवी के पड़ोसी ने कहा कि 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हम सब शॉक में हैं. घर पर वैभवी की सिर्फ बुजुर्ग मां ही हैं. उनका रो-रो कर बुरा हाल है. वैभवी की मां का कुछ दिनों पहले ऑपरेशन हुआ था और वो घर में अकेली हैं.
ऐसा था अशोक त्रिपाठी का परिवार
वैभवी मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करती हैं. बेटा धनुष इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और बेटी रितिका स्कूल में है.अशोक की ओडिशा में एक HR कंसल्टेंसी फर्म है. वे 5 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनके घर के बाकी लोग पुणे में रहते हैं. दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरा परिवार देर रात ठाणे पहुंचा. अशोक के पिता डिस्ट्रिक्ट जज रहे हैं. 11 साल पहले उनका निधन हो चुका है. 2020 में उनकी मां का भी निधन हो गया था. अशोक 26 मई को मुंबई आए थे और यह परिवार यहां से नेपाल के लिए निकला था.
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