नीतीश-तेजस्वी की सरकार तो बन गई, अब मंत्रालयों पर मंथन; बीजेपी के पास थे ये मंत्रालय, अब RJD-कांग्रेस को मिलने की उम्मीद
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पहले नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी. इसके अलावा हम और निर्दलीय को भी सीमित विभागों के साथ मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. हालांकि, अब महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई (ML),सीपीएम, सीपीआई, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM शामिल है. ऐसे में माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारे में खींचतान भी देखने को मिल सकती है.
नीतीश कुमार ने बुधवार को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ तेजस्वी यादव ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली. बिहार में महागठबंधन सरकार में विभागों पर सहमति बनती नजर आ रही है. हालांकि, नीतीश कुमार इस बार भी गृह मंत्रालय खुद रखने के मूड में हैं. जबकि तेजस्वी यादव ने भी गृह मंत्रालय की मांग की थी. हालांकि, जो विभाग बीजेपी और अन्य के पास थे, नीतीश कुमार वे विभाग आरजेडी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों को देने के लिए तैयार हो गए हैं.
भले ही चर्चा हो कि विभागों को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन इसे किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं माना जा रहा है. दरअसल, पहले नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी. इसके अलावा हम और निर्दलीय को भी सीमित विभागों के साथ मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. हालांकि, अब महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई (ML),सीपीएम, सीपीआई, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM शामिल है. ऐसे में माना जा रहा है कि विभागों के बंटवारे में खींचतान भी देखने को मिल सकती है. जदयू के पास रहेंगे ये मंत्रालय !
कहा जा रहा है कि जदयू ने महागठबंधन की पार्टियों के सामने साफ कर दिया है कि गृह मंत्रालय समेत उसके पास वे सभी विभाग रहेंगे, जो इससे पहले की सरकार में थे. अगर जदयू की यह बात बाकी दल मान जाते हैं, तो पिछली बार की तरह इस बार भी जदयू के पास गृह मंत्रालय, सामान्य प्रशासन, विजिलेंस , कैबिनेट सचिवालय , शिक्षा मंत्रालय, संसदीय कार्य, ऊर्जा योजना और विकास, भवन निर्माण, परिवहन , ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, उत्पाद शुल्क निषेध पंजीकरण, ग्रामीण कार्य, खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण, जल संसाधन, सूचना एवं जनसंपर्क, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय होंगे.
राजद-कांग्रेस को मिल सकते हैं ये मंत्रालय
जदयू ने साफ किया है कि बीजेपी के पास जो मंत्रालय थे, उन्हें वह आरजेडी-कांग्रेस को सौंपने के लिए तैयार है. अगर ऐसा होता है तो इन दोनों पार्टियों के पास वित्त, कमर्शियल टैक्स, शहरी विकास, आपदा प्रबंधन, पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग, उद्योग, हेल्थ, एग्रीकल्चर, लेबर ट्रांसफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, गन्ना उद्योग मंत्री , रेवेन्यू लैंड रिफॉर्म , राजस्व- भूमि सुधार, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पंचायती राज, पर्यावरण और वन, खनन और भूविज्ञान विभाग, सहकारी, सड़क निर्माण, पर्यटन, कला और संस्कृति , पशुपालन और मत्स्य पालन, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग जैसे मंत्रालय होंगे.
जबकि जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास पिछली बार की तरह लघु सिंचाई और एससी-एसटी कल्याण होगा.
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