नीतीश के बयान पर मचा बवाल, बच्चे पैदा करने पर ये क्या बोल गए बिहार के सीएम? बीजेपी ने घेरा
AajTak
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रजनन दर पर दिए गए बयान के बाद विपक्ष उन पर हमलावार है. विपक्ष के कई नेताओं ने इस बयान पर आपत्ति जताई है. बीजेपी नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रजनन दर पर ऐसे सड़क-छाप बयान की मुख्यमंत्री से अपेक्षा नहीं की जा सकती.
प्रजनन दर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर घमासान मचा हुआ है. इस बयान को लेकर विपक्ष उन पर हमलावर है. विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम के भाषण का वीडियो ट्विटर पर शेयर करके हमला बोला है.
मर्द लोग तो हर दिन करते रहते हैं
गौरतलब है कि वैशाली में समाधान यात्रा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रजनन दर पर बोल रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि महिलाएं पढ़ लेंगी, तभी ये आंकड़ा घटेगा. मर्द लोग तो हर दिन करते रहते हैं. उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि बच्चा पैदा नहीं करना है.
महिलाएं पढ़ जाएंगी तभी प्रजनन दर घटेगी
नीतीश कुमार ने कहा कि इस बात को पढ़ी-लिखी महिलाएं अच्छी तरह से समझती हैं कि उन्हें ये नहीं करना है. अगर महिलाएं पढ़ जाएंगी तभी प्रजनन दर घटेगी. जिस वक्त मुख्यमंत्री ये बोल रहे थे उस समय वहां काफी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं.
पद की गरिमा को कलंकित कर रहे मुख्यमंत्री
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.