धौलपुर: मिलिट्री स्कूल ने इस साल दिए भारतीय सेना को एक दर्जन अफसर, अखिलेश यादव भी कर चुके हैं पढ़ाई
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देश सेवा के लिए समर्पित राजस्थान के धौलपुर जिले के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के एक दर्जन छात्रों का चयन इस वर्ष देश की रक्षा के लिए हुआ हैं. धौलपुर के मिलिट्री स्कूल में पढ़े 12 छात्र अब देश में स्थित विभिन्न सैन्य अकादमियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेनाओं में मातृ भूमि की सेवा और रक्षा करने का संकल्प लेते हुए शामिल हो गये हैं.
देश सेवा के लिए समर्पित राजस्थान के धौलपुर जिले के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल के एक दर्जन छात्रों का चयन इस वर्ष देश की रक्षा के लिए हुआ हैं. धौलपुर के मिलिट्री स्कूल में पढ़े 12 छात्र अब देश में स्थित विभिन्न सैन्य अकादमियों से प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेनाओं में मातृ भूमि की सेवा और रक्षा करने का संकल्प लेते हुए शामिल हो गये हैं. मिलिट्री स्कूल प्रशासन ने भारतीय सेना में शामिल हुए ऑफिसरों को शुभकामनाएं दी हैं. एक दर्जन ऑफिसर का चयन होने पर मिलिट्री स्कूल में खुशी की लहर देखी जा रही है. धौलपुर जिले का मिलिट्री स्कूल जो 1962 से संचालित है वह भारत के पांच मिलिट्री स्कूलों में से एक है. इस स्कूल में सिखाया जाता है अनुशासन और देश की अखंडता को बचाए रखने की नेतृत्व क्षमता. इसी स्कूल में अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल भर्ती परीक्षा के माध्यम से 18 जुलाई 1983 को छठी कक्षा में प्रवेश लिया. यहां से शुरुआत हुई अखिलेश के उस जीवन की जिसके सहारे उन्हें अपना भविष्य तय करना था और इसके बाद अखिलेश यादव वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. अखिलेश यादव ही नहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया भी इसी स्कूल में पढ़े हैं.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.