
'दो अरब मुसलमान...', अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायल के नए कदम पर भड़के लोग
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इजरायल ने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि रमजान के दौरान अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश को लेकर जरूरतों के अनुसार लिमिट सेट की जाएंगी. अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए दुनिया के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरी सबसे पवित्र जगह है.
हमास से जारी युद्ध के बीच इजरायल ने 10 मार्च से शुरू हो रहे रमजान के दौरान अल अक्सा मस्जिद में नमाज की अनुमति दे दी है. हालांकि, इजरायल ने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि जरूरत के अनुसार कुछ पाबंदियां लगाई जाएंगी. इजरायल के इस कदम पर धार्मिक विशेषज्ञ और फिलिस्तीनी राजनेताओं का कहना है कि इजरायल जानबूझ कर फिलिस्तीनियों को उकसाना चाहता है.
यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए दुनिया के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरी सबसे पवित्र जगह है.
इजरायली न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और कट्टर दक्षिणपंथी नेता इतामार बेन ग्विर की ओर से पेश किए गए उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत रमजान के दौरान फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अल अक्सा मस्जिद में प्रवेश को सीमित करने की बात कही गई है.
फिलिस्तीनियों को उकसाना चाहता है इजरायलः फिलिस्तीनी नेता
फिलिस्तीन के नेता और धार्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि रमजान के दौरान मुसलमानों को पवित्र मस्जिद में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर इजरायल हमास से जारी संघर्ष को लंबा खींचना चाहता है. इसके अलावा इजरायल यथास्थिति को बदलना चाहता है. इजरायल का यह कदम वैश्विक मुस्लिम समुदाय को भड़काना और गाजा में जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई को लंबा खींचना है.
मस्जिद में प्रवेश को लेकर क्या हो सकते हैं प्रतिबंध?

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