
दोहा में इजरायली हमले के बाद कतर के पीएम से मिलेंगे ट्रंप, मिडिल ईस्ट संकट पर होगी बात!
AajTak
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को क़तर के प्रधानमंत्री से न्यूयॉर्क में डिनर पर मुलाकात करेंगे. ये बैठक इज़रायल द्वारा क़तर में हमास नेताओं पर हमला करने के बाद हो रही है. ट्रंप पहले ही इजरायल की एकतरफा कार्रवाई पर नाराजगी जता चुके हैं. साथ ही उन्होंने कतर को भरोसा दिलाया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से न्यूयॉर्क में डिनर पर मुलाकात करेंगे. हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में इजरायल ने हमास के नेताओं को टारगेट कर हमला किया था, इस अटैक के बाद दोनों नेताओं की मुलाकात हो रही है.
बता दें कि इजरायल ने मंगलवार को क़तर में हमास के राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया था. इस हमले से अमेरिका द्वारा मिडिल ईस्ट में चल रही शांति प्रक्रिया और गाजा में संघर्ष को समाप्त करने की कोशिशें संकट में पड़ गईं. इतना ही नहीं, इस हमले की पूरी दुनिया और खासतौर पर मिडिल ईस्ट में कड़ी निंदा की गई, क्योंकि इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका थी.
राष्ट्रपति ट्रंप ने इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात कर इस हमले पर नाराजगी जताई और क़तर को भरोसा दिलाया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा. ट्रंप ने कहा कि वह इज़रायल के हमले से नाखुश हैं, उन्होंने इस हमले को इजरायल की एकतरफा कार्रवाई बताया और कहा कि इससे अमेरिका या इज़रायल के हितों को कोई फायदा नहीं होगा. अमेरिका कतर को एक मजबूत खाड़ी सहयोगी मानता है.
एजेंसी के मुताबिक व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रम्प और कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी एकसाथ डिनर करेंगे, जिसमें ट्रंप के शीर्ष सलाहकार और अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल होंगे. इससे पहले क़तर के प्रधानमंत्री अल-थानी ने व्हाइट हाउस में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी मुलाकात की थी. बैठक में क़तर के मध्यस्थ के रूप में भूमिका और रक्षा सहयोग पर बातचीत हुई.
बता दें कि कतर ने गाजा संघर्ष में इज़रायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते की बातचीत, गाजा में बंदी इज़रायली नागरिकों की रिहाई और संघर्ष के बाद योजना बनाने में मध्यस्थता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उधर, मंगलवार को इजरायली अटैक के बाद कतर के प्रधानमंत्री अल-थानी ने इज़रायल पर शांति प्रयासों को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि क़तर अपनी मध्यस्थता की भूमिका से पीछे नहीं हटेगा.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







