
'देश की सुरक्षा के लिए खतरा...' कौन है महमूद खलील, जिसके डिर्पोटेशन को अमेरिकी कोर्ट ने दी मंजूरी
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इमिग्रेशन जज जेमी ई. कोमन्स ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र महमूद खलील को डिर्पोटेशन को मंजूरी दे दी है. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, 'अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट और ठोस सबूत दिए हैं कि देश में खलील की मौजूदगी संभावित रूप से गंभीर विदेश नीति परिणाम पैदा कर सकती है, जो निष्कासन के लिए कानूनी सीमा को पूरा करती है.'
लुइसियाना के एक इमिग्रेशन जज ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन के छात्र महमूद खलील को अमेरिका से निर्वासित किया जा सकता है, क्योंकि विश्वविद्यालय कैंपस में फिलीस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में उसकी भागीदारी से राष्ट्रीय की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है.
इमिग्रेशन जज जेमी ई. कोमन्स ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट और ठोस सबूत दिए हैं कि देश में खलील की मौजूदगी संभावित रूप से गंभीर विदेश नीति परिणाम पैदा कर सकती है, जो निष्कासन के लिए कानूनी सीमा को पूरा करती है.
खलील की कानूनी टीम ने अदालत के इस फैसले की आलोचना की और कार्यवाही को सही प्रक्रिया का उल्लंघन बताया. उनके वकील मार्क वैन डेर हाउट ने कहा कि ये सुनवाई उचित प्रक्रिया का एक आधार है और ये इमिग्रेशन लॉ का एक उदाहरण है, जिसे असहमति को दबाने के लिए हथियार बनाया जा रहा है.
ये फैसला फेडरल इमिग्रेशन एजेंटों द्वारा 8 मार्च को खलील की गिरफ्तारी के बाद आया है. खलील को उसके विश्वविद्यालय स्थित अपार्टमेंट की लॉबी से गिरफ्तार किया गया था.
इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में है खलील
कानूनी रूप से अमेरिकी निवासी 30 वर्षीय खलील को उनकी कानूनी टीम और पत्नी से दूर लुइसियाना के जेना स्थित एक इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. महमूद खलील की गिरफ्तारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फिलिस्तीनी कार्यकर्ताओं और छात्रों पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा थी जो इजरायल विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुए थे और गाजा में युद्ध के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.

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