
दुबई में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, 26 करोड़ यात्रियों की क्षमता, 400 टर्मिनल गेट, जानें इसकी खासियत
AajTak
दुबई एयरपोर्ट की गिनती दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में होती है. 2022 में इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल 6.6 करोड़ यात्रियों ने किया था. दुबई मीडिया कार्यालय ने बताया कि यह कदम विश्व मंच पर अग्रणी विमानन केंद्र के रूप में दुबई की स्थिति को और मजबूत करेगा.
दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनकर तैयार होने वाला है. इसका नाम अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा. रविवार को दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम ने नए यात्री टर्मिनल को मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. यह ग्लोबल सेंटर के रूप में विकसित होगा. एयरपोर्ट को बनाने में करीब 35 अरब डॉलर यानी करीब 2.9 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस एयरपोर्ट पर पांच समानांतर रनवे होंगे. इसके अलावा 400 एयरक्राफ्ट गेट होंगे. एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 26 करोड़ लोगों की होगी.
शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि नई परियोजना 'हमारे बच्चों और उनके बच्चों के लिए निरंतर और स्थिर विकास सुनिश्चित करेगी.
दुबई एयरपोर्ट से जुड़ी वो पांच बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है
दुबई एयरपोर्ट की गिनती दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में होती है. 2022 में इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल 6.6 करोड़ यात्रियों ने किया था. दुबई मीडिया कार्यालय ने बताया कि यह कदम विश्व मंच पर अग्रणी विमानन केंद्र के रूप में दुबई की स्थिति को और मजबूत करेगा.
दुबई में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी पिछले दिनों दुबई में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. ऐसे में एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express), ने दुबई से आने-जाने वाली फ्लाइट्स में 50 फीसदी कटौती कर दी थी. यात्रियों को सहूलियत हो इसके लिए भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी में कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी आवाजाही को सामान्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने सलाह दी है कि यात्री प्रस्थान की तारीख और समय के संबंध में एयरलाइन्स से आखिरी पुष्टि के बाद ही यात्रा कर सकते हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






