
दिवालिया हो रहे पाकिस्तान को छोड़कर भागने लगे अमीर लोग... कर्ज के सभी दरवाजे होने लगे बंद!
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Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान के सरकारी बैंक इम्पोर्टर्स को लेटर ऑफ क्रेडिट देने के लिए राजी नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पाकिस्तान की माली हालत का अंदाजा है और यही हाल रहा तो जिन पाकिस्तानियों के मुंह से शहबाज सरकार ने निवाला छीन लिया है
पाकिस्तान की आर्थिक सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. कर्ज के सहारा चल रही पाकिस्तान की गाड़ी की रफ्तार अब थमने वाली है. अभी तक जिस देश और आर्थिक संगठन के साथ पाकिस्तान के अच्छे रिश्ते थे, वो सभी पाकिस्तान की मदद कर चुके हैं, लेकिन अब वो भी रास्ते धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं, जिससे पाकिस्तान सरकार की बैचेनी बढ़ती जा रही है. इस बीच डर है कि क्या पाकिस्तान का भी हश्र श्रीलंका जैसे होने वाला है. दरअसल, आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है. देश के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था. पाकिस्तान को चीनी सहायता IMF लोन से तीन गुना अधिक है और विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक दोनों फंडों से अधिक है. ऐसे में अगर पाकिस्तान दिवालिया होता है तो इसकी सबसे गहरी चोट चीन पर पड़ने वाली है.
अब क्या होगा पाकिस्तान का?
पाकिस्तान की बर्बादी की कहानी फौज, आतंकवादी और सियासतदानों ने लिखी.. और अब जनता झेल रही है. रोटी, सब्जी, घी-तेल, दूध की किल्लत और महंगाई से जूझ रही पाकिस्तानी अवाम के लिए रोज सुबह-सुबह बुरी खबर आ रही है. पाकिस्तान में खाने पीने की चीजों की महंगाई और किल्लत के पीछे बड़ी वजह नकदी की कमी है. पाकिस्तान के सरकारी बैंक इम्पोर्टर्स को लेटर ऑफ क्रेडिट देने के लिए राजी नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पाकिस्तान की माली हालत का अंदाजा है और यही हाल रहा तो जिन पाकिस्तानियों के मुंह से शहबाज सरकार ने निवाला छीन लिया है, उनकी प्याली से जल्द ही चाय भी छिन जाएगी.
पाकिस्तान की हुकूमत दिवालिया होने से बचने के लिए अपनी अधिकतम कोशिश कर चुकी है.
- पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल के दाम में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की जा चुकी है. - पाकिस्तान में बिजली के दाम में एकमुश्त 8 रुपये प्रति यूनिट की बढो़तरी की जा चुकी है. - पाकिस्तान के कारोबारियों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने का ऐलान हो चुका है. - पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पौने तीन अरब डॉलर के आसपास तक पहुंच चुका है. - महंगाई की दर 27 प्रतिशत के पार जा चुकी है. - डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी 25 फीसदी तक टूट चुकी है.
ऐसे में पाकिस्तान के सामने अब दूसरे देनदारों के रहम के अलावा कोई उम्मीद नहीं दिखती है, इसमें सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन की ओर से मिलाकर कुल साढ़े तीन अरब डॉलर का कर्ज पाकिस्तान को मिलने वाला है. अगर ये कर्ज नहीं मिला तो पाकिस्तान की नैया डूबने से बचाना मुश्किल हो जाएगा.













