
दिल्ली: सीएम केजरीवाल ने किया नए स्कूल भवन का शिलान्यास, बोले - 'भाषण देने से नहीं, शिक्षा देने से दूर होगी गरीबी'
AajTak
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को पालम एनटीसी में नए स्कूल भवन की नींव रखी. इस दौरान सीएम ने कहा कि इस इलाके में कूड़ा पड़ा रहता था, लेकिन अब यहां कूड़ा नहीं होगा, बल्कि बच्चों का राष्ट्र निर्माण होगा. यहां पर एक भव्य स्कूल बनेगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को पालम एनटीसी में नए स्कूल भवन की नींव रखी. इस दौरान सीएम ने कहा कि इस इलाके में कूड़ा पड़ा रहता था, लेकिन अब यहां कूड़ा नहीं होगा, बल्कि बच्चों का राष्ट्र निर्माण होगा. यहां पर एक भव्य स्कूल बनेगा. इस 3 मंजिला स्कूल में 9 लैब होंगी. सीएम ने नए स्कूल भवन के शिलान्यास के बाद कहा कि यहां अब फिजिक्स, केमिस्ट्री और कंप्यूटर की लैब अलग-अलग होगी. दिल्ली के बड़े-बड़े और प्राइवेट महंगे स्कूलों में लिफ्ट नहीं है, लेकिन इस सरकारी स्कूल में तीन-तीन लिफ्ट होगी. पूरी दिल्ली का सबसे शानदार सरकारी स्कूल पालम में बनेगा.
यह भी पढ़ें: 'हम केंद्र में और आप राज्य में आ गए तो क्या होगा', ED एक्शन के बीच BJP से बोले CM केजरीवाल
'गरीबों के बच्चों के सारे सपने पूरे होंगे' सीएम ने कहा कि एक स्कूल के शिलान्यास के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो रहे हैं ऐसा पहले कभी नहीं होता था. लोगों को पहले उम्मीद नहीं थी कि सरकारी स्कूल में उनके बच्चों को भविष्य मिलेगा. आज एक उम्मीद के साथ लोग यहां इकट्ठे हुए हैं. अब गरीबों के बच्चों के सारे सपने पूरे होंगे. इतने बड़े स्तर में स्कूल बन रहे हैं मुझे लगता है कि 1950 में ऐसा हो जाना चाहिए था. अगर 75 साल पहले जब देश आजाद हुआ था, अगर इतने शानदार स्कूल बन जाते तो हमारे देश में एक भी आदमी गरीब नहीं होता. अगर बच्चों को पढ़ा दिया तो एक ही पीढ़ी में गरीबी दूर हो जाएगी.
सीएम केजरीवाल ने कहा, 10000 कमाने वाले गरीब का बेटा अगर कंप्यूटर इंजीनियर बन जाए और 300000 रुपये महीना घर लेकर आने लगे तो गरीबी दूर होगी कि नहीं होगी. शिक्षा से ही गरीबी दूर हो सकती है. भाषण देने से गरीबी दूर नहीं होगी. अगर देशभर में अपने बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छा इंतजाम कर दिया जाए तो एक ही पीढ़ी यानी 10 से 15 साल में पूरे देश से गरीबी ख़त्म कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Arvind Kejriwal ED: कोर्ट का आदेश, केजरीवाल 17 को हों पेश! देखें 'विशेष'
ईडी के नोटिस को लेकर भाजपा पर हमला सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं एक छोटा सा आदमी था, सुंदर नगरी की झुग्गियों में घूमा करता था. वहां से उठाकर दिल्ली वालों ने मुझे कहां बैठा दिया. सात जन्मों में भी दिल्ली वालों के प्यार का एहसान नहीं भूल पाऊंगा. यह मेरे जितने काम रोकेंगे, मैं पैर पकड़कर और हाथ जोड़कर काम करवाऊंगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







