
दिल्ली वर्ल्ड बुक फेयर: योग प्रकाशन ट्रस्ट लेकर आया है जिंदगी को खुशहाल करने वाली किताबें
AajTak
योग प्रकाशन ट्रंस की किताबें प्राचीन ज्ञान को आधुनिक जीवन से जोड़ती है. ये पुस्तकें योग दर्शन और अभ्यास जैसे विभिन्न विषयों को कवर करती हैं, जिनका मकसद लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करना है.
दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है. इसम मेले में दुनिया भर से बुक पब्लिकेशन्स शामिल हुए हैं, इसमें एक योग प्रकाशन ट्रस्ट (YPT) भी है, जो योग और आध्यात्मिकता पर पुस्तकों की एक सीरीज पाठकों के सामने पेश कर रहा है. किताबों की ये सीरीज प्राचीन ज्ञान को आधुनिक जीवन से जोड़ती है. ये पुस्तकें योग दर्शन और अभ्यास जैसे विभिन्न विषयों को कवर करती हैं, जिनका मकसद लोगों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करना है.
बिहार स्कूल ऑफ योग, मुंगेर के संस्थापक परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती के दर्शन से प्रेरित होकर, YPT सभी के कल्याण के लिए प्राचीन योग ज्ञान को साझा करने के लिए पुस्तकें प्रकाशित करता है. इन व्यावहारिक शिक्षाओं ने दैनिक जीवन में उनकी प्रासंगिकता के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है.
इन पुस्तकों के जरिए, बिहार योग विद्यालय की समृद्ध परंपरा का अनुभव किया जा स कता है. दिग्गजों ने योग को विद्या के रूप में अध्ययन, अभ्यास और साझा करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है.
हर बैकग्राउंड के लोग पढ़ सकते हैं किताबें
बिहार योग विद्यालय का स्वास्थ्य, सद्भाव और खुशी का आदर्श वाक्य इसके प्रकाशनों के माध्यम से चमकता है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और भावनात्मक कल्याण पर भी जोर देता है. योग पुस्तकों का संग्रह सभी उम्र, बैकग्राउंड और तहजीब जुड़ाव के लोगों के लिए फिट है. यह सुनिश्चित करता है कि हर कोई अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप ज्ञान और मार्गदर्शन पा सके.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.






