दिल्ली यूनिवर्सिटी में सावरकर के नाम पर होगा कॉलेज, वाजपेयी-जेटली के नाम पर भी बनेंगे सेंटर
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दिल्ली यूनिवर्सिटी एकेडमिक काउंसिल की बुधवार को बैठक हुई. इस बैठक में नए संस्थानों के नामों को मंजूरी दे दी गई है. इनमें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली जैसे भाजपा के प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं. माना जा रहा है कि सावरकर समेत भाजपा के इन नेताओं के नाम पर कॉलेजों के नाम रखने के दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस फैसले के बाद नया विवाद पैदा हो सकता है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदू महासभा के नेता रहे विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर कॉलेज बनेगा. इस प्रस्ताव को दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली के नाम पर भी कॉलेज-सेंटर्स के नाम रखें जाएंगे.विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि 543 लोकसभा सीटों में से 295 से ज़्यादा सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में आ रही हैं. दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दावा किया है कि वह लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. सभी एग्जिट पोल ने भी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिया है. हालांकि विपक्षी नेताओं ने इन एग्जिट पोल्स को नकार दिया है.
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम 4 जून को आने वाले हैं. सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी. वहीं इसे लेकर उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में काउंटिंग को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे है. देखिए VIDEO
सोनिया गांधी ने एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नतीजे एग्जिट पोल से अलग होंगे और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. राहुल गांधी ने भी कहा कि वो आंकड़ों पर यकीन नहीं करते. उन्होंने दावा किया कि 295 सीटें उनकी होंगी. अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और महिलाओं के प्रति अपराधों पर निशाना साधा. देखें 'एक और एक ग्यारह'.
विपक्ष अपना नंबर 295 सीट का बताता है, लेकिन एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए 400 पर पहुंचता दिखता है. विपक्ष का दावा है कि ये एग्जिट पोल नहीं, मोदी मीडिया पोल है. विपक्ष का गणित और जनता का फैसला, दोनों में से कौन सही है? एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए के मुकाबले विपक्ष लीड बनाता दिखाई नहीं देता. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन भी अपने ही शासन वाले राज्य में बीजेपी को पीछे नहीं कर पाया. आखिर विपक्ष के अनुमान पर एग्जिट पोल के आंकड़ों को क्यों नहीं होता?