दिल्ली: नाइट कर्फ्यू में किसे छूट, किसे चाहिए ई-पास, कहां से बनेगा? जानें हर सवाल का जवाब
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कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लग गया है. नाइट कर्फ्यू को लेकर क्या नियम हैं, क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा. इससे जुड़े सभी सवालों का जवाब यहां जानें...
देश में कोरोना का संकट बढ़ा तो हर जगह सख्ती भी बढ़ने लगी. राजधानी दिल्ली में बीती रात से नाइट कर्फ्यू शुरू हो गया है. 30 अप्रैल तक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू रहेगा, इस दौरान रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक सड़कों पर सख्ती रहेगी. अगर आपके पास इजाजत नहीं है, तो रात को बाहर निकलने पर आप पर एक्शन हो सकता है. नाइट कर्फ्यू को लेकर क्या नियम हैं, क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा. इससे जुड़े सभी सवालों का जवाब यहां जानें... कब से कब तक लागू है नाइट कर्फ्यू? दिल्ली में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. ये रात को दस बजे से सुबह 5 बजे तक लागू होगा. किन लोगों को मिल रही है छूट? नाइट कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य, आपदा नियंत्रण, पुलिस, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस, जिला प्रशासन, अकाउंट, बिजली विभाग, पानी और साफ सफाई तथा हवाई रेल और बस से जुड़े सरकारी अधिकारी, दिल्ली सरकार के अधिकारी और ऑटोनॉमस बॉडीज व कॉरपोरेशन के सभी कर्मचारियों अधिकारियों को छूट रहेगी. इनके अलावा सभी प्राइवेट मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक आदि से जुड़े लोगों को भी छूट मिलेगी. साथ ही गर्भवती महिला और मरीजों के लिए भी छूट रहेगी.और किन लोगों को मिलेगी राहत? अति जरूरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के अलावा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा जा रहे या वहां से आ रहे लोगों को वैलिड टिकट दिखाने पर छूट मिलेगी. अन्य देशों के डिप्लोमेट ऑफिस से जुड़े लोगों को वैलिड आइकार्ड दिखाने पर इन पाबंदियों से छूट मिलेगी. अन्य राज्यों से आ रहे जरूरी और गैर जरूरी सामानों के आवागमन पर पाबंदी नहीं रहेगी. इनके लिए किसी तरह का ई-पास जरूरी नहीं होगा.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.