दिल्ली के होटल मालिक सुसाइड केस में IPS का नाम आया सामने! हरकत में उत्तराखंड पुलिस
AajTak
दिल्ली में होटल मालिक की आत्महत्या मामले में उत्तराखंड के एक आईपीएस अधिकारी का नाम जुड़ने से महकमे में खलबली मच गई है. इस संबंध में राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा दिल्ली पुलिस को एक पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस गंभीरता से जांच करें, ताकि उस अधिकारी का नाम उजागर हो सके.
दिल्ली में होटल मालिक की आत्महत्या मामले में उत्तराखंड के एक आईपीएस अधिकारी का नाम जुड़ने के बाद उत्तराखंड पुलिस हरकत में आई है. राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा दिल्ली पुलिस को एक पत्र भेजा गया है. उधर, इस केस की सोशल मीडिया पर चर्चा के बाद महकमे में खलबली मची हुई है.
एडीजी लॉ एंड आर्डर वी. मुर्गेश ने बताया कि इस मामले की दिल्ली पुलिस गंभीरता से जांच करें. ताकि उस अधिकारी का नाम उजागर हो सके, जिसके चर्चे हो रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. पूरा प्रकरण सामने आना चाहिए.
बता दें कि नवंबर महीने में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल गांव के सामने एक मकान में होटल मालिक ने आत्महत्या कर ली थी. बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था. इसमें पार्टनरशिप के विवाद का जिक्र था.
होटल मालिक ने लिखा था, "इस होटल में उत्तराखंड के आईपीएस का हिस्सा है. वह अपने हिस्से की रकम मांग रहे हैं". दिल्ली पुलिस ने सुसाइड नोट को बरामद कर सील कर दिया था. अब उत्तराखंड कैडर के इस अधिकारी की चर्चा सरकारी महकमे से लेकर सोशल मीडिया पर हो रही है.
डीजीपी उत्तराखंड ने कहा, "खेलगांव में 17-18 नवंबर की रात होटल मालिक अमित जैन ने आत्महत्या की थी. इस केस में राज्य के आईपीएस अधिकारी का नाम आने के बाद दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर मामले की जांच करने के लिए कहा गया है, ताकि सच्चाई सामने आ सके".
सुसाइड के वक्त फ्लैट में अकेले थे अमित जैन
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.