दावत-ए-इस्लामी के लोगों का कैमरे पर आने से इनकार, बोले- Pak के संगठन से कोई लेना-देना नहीं
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Udaipur Kanhaiyalal murder case: राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के दोनों आरोपियों के तार 'दावत-ए-इस्लामी' से जुड़े बताए गए. दावत-ए-इस्लामी का गठन पाकिस्तान में हुआ था और मौलाना इलियास अत्तारी इसके संस्थापक हैं.
नई दिल्ली के जाकिर नगर में दावत-ए-इस्लामी का दफ्तर है. जिसका पूरा नाम मदरसा-तुल-मदीना दावत-ए-इस्लामी है. यहां पर छोटे बच्चों को तालीम दी जाती है. ये दफ्तर या कहें कि छोटा-सा मदरसा एक बड़ी इमारत की एक दुकान में चलाया जाता है. Aajtak की टीम जब यहां पहुंचीं तो कैमरे पर किसी ने बात नहीं की. हालांकि अंदर मौजूद शख्स ने बताया कि उनका पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी से कोई लेना-देना नहीं है. उसने यह भी कहा कि ये लोग हिंसा से दूर रहते हैं.
दिल्ली के जाकिर नगर स्थित जोगा बाई एक्सटेंशन में दावत-ए-इस्लामी का दफ्तर है. यहां पर छोटे बच्चों को पढ़ाया जाता है. Aajtak को मदरसे के अंदर दो लोग भी मौजूद मिले, जो इन बच्चों को पढ़ा रहे थे.
उनका कहना है कि उनका हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. जब कोरोनाकाल में लॉकडाउन लगा था, तो उस वक्त संगठन के लोगों ने गरीबों के घरों में राशन पहुंचाने का काम किया था. दरअसल दावत-ए-इस्लामी खुद को गैर राजनीतिक इस्लामी संगठन करार देता है और खुद को विवादों से दूर रखने की कोशिश करता है.
बता दें कि उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में दावत-ए-इस्लाम कराची संगठन से कनेक्शन निकला है. दावत-ए-इस्लामी हिन्द ने पाकिस्तान के संगठन से किसी भी तरह के संबंध को नकारा है. दावत-ए-इस्लामी कई देशों में फैला है और बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इससे जुड़े हैं. दावत-ए-इस्लामी इंडिया सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. चाहे फेसबुक, ट्विटर हो या इंस्टाग्राम.
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