
थाईलैंड बॉर्डर पर अब भी बरस रहे गोले... 27 लोगों की मौत, कंबोडिया ने की तत्काल सीजफायर की मांग
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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी सैन्य संघर्ष और गहरा गया है. दोनों दक्षिण-पूर्वी एशियाई पड़ोसियों के बीच एक दशक से भी अधिक समय में सबसे भीषण लड़ाई चल रही है, जिसमें शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तोपों से गोले दागे गए.
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया है और 27 लोगों की मौत हो चुकी है. लड़ाकू विमानों, तोपों और जमीनी टुकड़ियों के साथ जारी हिंसक झड़पों में अब तक कंबोडिया 15 लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा है. वहीं थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक इस संघर्ष में 12 थाई नागरिकों की भी मौत हो चुकी है.
इस भीषण संघर्ष के बीच कंबोडिया ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद तत्काल बिना शर्त युद्धविराम की अपील की. संयुक्त राष्ट्र में कंबोडिया के राजदूत चेया कियो ने मीडिया से बातचीत में कहा, "कंबोडिया ने बिना शर्त तत्काल युद्धविराम का अनुरोध किया है, और हम विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का भी आह्वान करते हैं."
चेया कियो ने थाईलैंड के उन दावों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कंबोडिया संघर्ष में हमलावर था. उन्होंने सवाल किया, "कंबोडिया जैसा छोटा पड़ोसी थाईलैंड जैसी सैन्य शक्ति पर कैसे हमला कर सकता है?" उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा परिषद ने दोनों पक्षों से "अधिकतम संयम दिखाने और राजनयिक समाधान का सहारा लेने" का आह्वान किया है, "हम भी यही मांग कर रहे हैं."
थाइलैंड ने खारिज किया मध्यस्थता का प्रस्ताव
वहीं थाईलैंड ने इस विवाद को सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज कर दिया है और इसके बजाय द्विपक्षीय बातचीत पर जोर दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए दो थाई अधिकारियों ने बताया कि थाईलैंड, कंबोडिया के साथ अपने सैन्य संघर्ष को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की बजाय सीधी बातचीत को प्राथमिकता देता है. थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकॉर्नडेज बालंकुरा ने बताया, "मुझे नहीं लगता कि हमें अभी किसी तीसरे देश से मध्यस्थता की आवश्यकता है."
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