
...तो वरुण गांधी ने छोड़ दिया पीलीभीत का मैदान? BJP से बेटिकट हुए, अब आगे क्या
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बीजेपी ने पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. वरुण की जगह पार्टी ने जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी से बेटिकट हुए वरुण गांधी ने पीलीभीत का मैदान छोड़ दिया है?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. पार्टी ने इस बार वरुण गांधी की जगह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. सूबे के ही शाहजहांपुर और धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके जितिन प्रसाद होली के दिन पीलीभीत पहुंचे. उन्होंने सिख समाज के लोगों के साथ बैठक की और बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की. जितिन प्रसाद ने पीलीभीत को महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र बताते हुए कहा कि पूरे देश-प्रदेश की नजरें यहां के चुनाव पर हैं.
जितिन ने वरुण का नाम लिए बगैर कहा कि जानता हूं, यहां से बहुत लोगों ने उम्मीदवारी की है. हम सभी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं. यह बीजेपी ही है, जहां नेतृत्व ने निर्णय ले लिया तो उसका सम्मान सभी करते हैं. पीलीभीत सीट से वरुण की जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि बीजेपी के गांधी अब आगे क्या करेंगे? क्या वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे या उनके सियासी सफर का अगला पड़ाव कोई नई पार्टी होगी?
वरुण ने छोड़ दिया पीलीभीत का मैदान?
सूत्रों के मुताबिक वरुण गांधी अब पीलीभीत से चुनाव नहीं लड़ेंगे. वरुण गांधी ने अपने सहयोगी के जरिए नामांकन पत्र के चार सेट खरीदे थे. कार्यकर्ताओं से यह तक कह दिया गया था कि हर गांव से दो चारपहिया और 10 दोपहिया वाहन तैयार रखें लेकिन जितिन की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद हालात बदल गए हैं. वरुण गांधी के समर्थकों में किसी तरह की सक्रियता या उत्साह नजर नहीं आ रहा है. सूत्रों की मानें तो वरुण गांधी ने अपने करीबियों को यह बता दिया है कि उनके साथ छल हुआ है और अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.
बीजेपी ने इस दांव से फंसाया
बीजेपी ने जिस लिस्ट में वरुण की पीलीभीत सीट से जितिन के नाम का ऐलान किया, उसी लिस्ट में मेनका गांधी को सुल्तानपुर सीट से टिकट का ऐलान भी था. पीलीभीत में चुनाव पहले चरण में है और सुल्तानपुर में मतदान चौथे चरण में होना है. वरुण अगर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में या दूसरे दल से चुनाव मैदान में उतरते हैं तो बीजेपी इसे सहजता से लेगी, ऐसा लगता नहीं है. ऐसा हुआ तो वरुण की मां मेनका गांधी की सीट पर नकारात्मक असर पड़ने का खतरा हो सकता है. ऐसे में बीजेपी ने एक ही लिस्ट में मां को टिकट और बेटा बेटिकट का ऐसा दांव चला कि वरुण भी इसमें उलझकर रह गए हैं.

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