
तोशाखाना घोटाले में कैसे फंस गए इमरान खान? राजनीतिक करियर पर भी लग गया ग्रहण
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पाकिस्तान में तोशाखाना घोटाले ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के राजनीतिक जीवन पर ग्रहण लगा दिया है. इमरान अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद इमरान की गिरफ्तारी भी हो गई है. 2022 में सरकार गिरने के बाद इसी तोशाखाना मामले में उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी. चुनाव आयोग ने इमरान की दलीलों से संतुष्ट नहीं होने पर सदस्यता रद्द कर दी थी.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया है. इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने इमरान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का दावा है कि इमरान को लाहौर में उनके जमान पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया. इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने इमरान के पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान में चर्चित हो चुका तोशाखाना मामला क्या है. आइए जानते हैं...
70 वर्षीय इमरान क्रिकेटर रहे हैं. बाद में वो राजनीति में आए और प्रधानमंत्री बने. इमरान पर 2018 में सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचने से लाभ कमाने का आरोप साबित हुआ है. इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही के खिलाफ इमरान खान की याचिका को खारिज कर दिया था. पीटीआई महासचिव उमर अयूब खान ने कहा, इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हर पाकिस्तानी का संवैधानिक अधिकार है.
इमरान पर एक लाख रुपए का जुर्माना
पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित जिला और सत्र न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें अगले छह महीने तक जेल में रखा जाएगा.
इमरान खान तोशाखाना केस में दोषी करार, 5 साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, इस्लामाबाद पुलिस ने किया अरेस्ट
इमरान पर आरोप साबित हुए

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