तिब्बतियों से वफादारी की परीक्षा ले रहा चीन, हर परिवार से एक सदस्य को सेना में कर रहा शामिल
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एलएसी पर पिछले एक साल में कई बार भारत से मुंह की खाने के बाद चीन ने अपनी सैन्य तैनाती को मजबूत करने के लिए हर तिब्बती परिवार के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में एक सदस्य भेजना अनिवार्य कर दिया है.
पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन (India-China) के बीच तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत का दौर चल रहा है. इसके बावजूद, चीन बीच-बीच में चालबाजियों से बाज नहीं आता है. एलएसी पर पिछले एक साल में कई बार भारत से मुंह की खाने के बाद चीन ने अपनी सैन्य तैनाती को मजबूत करने के लिए हर तिब्बती परिवार के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में एक सदस्य भेजना अनिवार्य कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि तिब्बती युवाओं की 'वफादारी परीक्षा' के बाद भर्ती की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि चीनी एलएसी पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों में.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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