
ट्रंप देने जा रहे एक और झटका... विदेशियों से 'पैसा वसूली' के लिए बनने जा रहा नया विभाग
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ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा, मेक्सिको और चीन जैसे देशों पर दबाव बनाने के लिए इस विभाग का गठन किया जा रहा है ताकि कारोबार में असंतुलन, माइग्रेशन और ड्रग्स तस्करी जैसे मुद्दों को सुलझाया जा सके.
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. लेकिन शपथ से पहले ही ट्रंप काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. वह मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर टैरिफ लगाने की बात भी कह चुके हैं. वह टैरिफ बढ़ाने को लेकर बेहद गंभीर है, जिस वजह से उन्होंने इसे लेकर एक बड़ा ऐलान किया है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा है कि वह 20 जनवरी को एक्सटर्नल रेवेन्यू सर्विस (External Revenue Service) नाम से एक नया सरकारी विभाग शुरू करने जा रहे हैं. इस विभाग का काम विदेशों से होने वाली आय और लगाने जाने वाले टैरिफ की समय पर वसूली करना होगा. इस विभाग के तहत कस्टम, टैरिफ और विदेशी स्रोत से होने वाली अन्य कमाई को इकट्ठा किया जाएगा.
ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा, मेक्सिको और चीन जैसे देशों पर दबाव बनाने के लिए इस विभाग का गठन किया जा रहा है ताकि कारोबार में असंतुलन, माइग्रेशन और ड्रग्स तस्करी जैसे मुद्दों को सुलझाया जा सके. इसके अलावा ट्रंप का चीन सहित कई अन्य देशों के उत्पादों पर भी टैक्स बढ़ाने का इरादा है. ये भी कहा जा रहा है कि ट्रंप अन्य देशों से इंपोर्ट होने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाने का जल्द ऐलान कर सकते हैं.
बता देंगे कि इससे पहले ट्रंप ने अरबपति कारोबारी एलॉन मस्क और भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) की जिम्मेदारी सौंपी थी. इस विभाग का काम कई पुरानी नीतियों और समितियों को समाप्त करना और पूरे संघीय ढांचे में जरूरी बदलाव करने की होगी.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो देश में व्यापक बदलाव होंगे. इन बदलावों के लिए उन्होंने इस खास टीम में एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी को शामिल किया, जिनके एजेंडे में कई काम हैं, जिन्हें अमलीजामा पहनाया जाना है.
ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि मौजूदा सरकार में ब्यूरोक्रेसी का बोलबाला है. लेकिन अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो व्यापक बदलाव होंगे. ऐसे में DOGE सबसे पहले अमेरिकी पॉलिटिकल सिस्टम में ब्यूरोक्रेसी के अंधाधुंध चलन को खत्म करने पर काम करेगा. मस्क और रामास्वामी की कोशिश रहेगी कि वे इसे खत्म करें.

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