
टैरिफ वॉर से अमेरिकी शेयर बाजार में 'कत्लेआम'... बेपरवाह ट्रंप बोले- बड़े बिजनेस को फर्क नहीं, जो कमजोर वही डूबेंगे
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टैरिफ वॉर के कारण विदेशी शेयर बाजारों में भी गिरावट आई. जर्मनी का DAX 5% गिरा, फ्रांस का CAC 40 4.3% गिरा और जापान का निक्केई 225 2.8% लुढ़क गया. इस बीच, तेल की कीमतें 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गईं और तांबे जैसी धातुओं की कीमत में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर के कारण अपने देश के शेयर मार्केट में आए भूचाल को नजरअंदाज कर दिया है. उन्होंने ट्रेड के मुद्दे पर अपने आक्रामक रुख का बचाव किया है. ट्रंप ने दावा किया है कि उनकी नीतियों से अंततः अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर किए एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा, 'बड़े बिजनेस टैरिफ के बारे में चिंतित नहीं हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि वे यहां बने रहेंगे, लेकिन उनका ध्यान बिग ब्यूटीफुल डील पर है, जो हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा. यह बहुत महत्वपूर्ण है और इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है.'
उनकी यह टिप्पणी वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी शेयर बाजार) पर कोविड-19 महामारी के बाद सबसे खराब संकट के बीच आई है. स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 (S&P 500) में 6% की गिरावट आई है, जिससे सिर्फ दो दिनों में ही मार्केट वैल्यू में 5 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. जबकि डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) में 5.5% और नैस्डैक (Nasdaq) में 5.8% की गिरावट आई, जिससे शेयर बाजार मंदी के दौर में पहुंच गया है. अमेरिकी शेयर बाजार में यह बिकवाली तब शुरू हुई जब चीन ने ट्रंप के नए टैरिफ के जवाब में बराबरी का शुल्क लगा दिया. चीन अब सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ वसूलेगा, जो 10 अप्रैल से प्रभावी होगा.
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यह अमीर बनने का बढ़िया समय: ट्रंप
बढ़ते ट्रेड वॉर और वैश्विक मंदी की आशंकाओं से निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा, 'यह अमीर बनने का एक बढ़िया समय है', और इस बात पर जोर दिया कि यह आर्थिक दर्द व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया का हिस्सा है. सर्जरी से इसकी तुलना करते हुए, उन्होंने सुझाव दिया कि अस्थायी असुविधा से दीर्घकालिक लाभ मिलेगा. बीजिंग द्वारा जवाबी टैरिफ लगाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर एक और पोस्ट में लिखा, 'चीन ने गलत खेल खेला, वे घबरा गए- एक ऐसी चीज जो वे बर्दाश्त नहीं कर सकते.' उन्होंने अन्य देशों के साथ ट्रेड एग्रीमेंट करने का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा, 'अगर वियतनाम को अमेरिका के साथ समझौता करने का मौका मिलता है तो वह हमारे आयात पर अपने टैरिफ को शून्य तक कम करने को तैयार है.'

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