
टकराव, बातचीत और अब समझौता... गलवान से शुरू हुआ तनाव क्या कजान में होगा खत्म? मोदी-जिनपिंग की संभावित मुलाकात पर नजर
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ब्रिक्स समिट में एक तरफ जहां पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता होगी. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पीएम मोदी की मुलाकात पर सभी की नजरें रहेंगी. हालांकि, पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिनों के दौरे पर रवाना हो गए हैं. वह कजान में 16वें ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे. इस समिट में पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक साथ एक ही मंच पर देखा जा सकेगा. भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या टकराव और वार्ताओं के दौर के बीच गलवान से शुरू हुआ तनाव ब्रिक्स के मंच से सुलह के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है.
ब्रिक्स समिट में एक तरफ जहां पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय वार्ता होगी. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पीएम मोदी की मुलाकात पर सभी की नजरें रहेंगी. हालांकि, पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
ब्रिक्स में जब एक मंच पर होंगे मोदी और शी जिनपिंग?
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग का कहना है कि चीन अन्य पक्षों के साथ मिलकर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के सतत विकास के लिए प्रयास करने को तैयार है, ताकि ग्लोबल साउथ के लिए एकजुटता जुटाने के साथ-साथ एक नये युग की शुरुआत की जा सके.
भारत और चीन दोनों के लिए ही ब्रिक्स के खास मायने हैं. ऐसे समय में जब मोदी और जिनपिंग एक ही दिन एक साथ एक ही छत के नीचे होंगे तो रिश्तों पर जमी यह बर्फ पिघलेगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि गलवान में शुरू हुआ तनाव रूस के कजान में खत्म हो सकता है.
क्या नया सीमा समझौता भारत और चीन के रिश्तों की नई शुरुआत होगा?

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