
झाड़ियों में तड़पती बच्ची की बरामदगी से खुला दो साल से लापता मां का राज... ब्लाइंड मर्डर केस का आरोपी निकला पिता
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वहां झाड़ियों के बीच सात-आठ साल की एक बच्ची लहूलुहान पड़ी थी. उसका गला कटा हुआ था और आस-पास खून की खून बिखरा था. आम तौर पर ऐसे भयानक हमले में किसी भी इंसान की जान चली जाती है, लेकिन इसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर बच्ची की किस्मत कि उसकी सांसें अब भी चल रही थीं.
Bhopal Blind Murder Case Disclosure: कई बार किसी मामले की तफ्तीश के दौरान कोई दूसरा केस भी खुल जाता है. भोपाल में एक बच्ची सुनसान जगह पर झाड़ियों में पड़ी थी. वो लहूलुहान हालत में थी. पुलिस ने इसी हाल में उस बच्ची को वहां से बरामद किया. अब पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रही थी. तलाश के दौरान बच्ची का पिता तो मिल गया लेकिन पुलिस को छानबीन के दौरान पता चलता है कि उस बच्ची की मां पिछले 2 साल से लापता है. और इत्तेफाक ये था कि उसी जगह उसी झाड़ी में दो साल पहले एक महिला की लाश भी पुलिस को मिली थी. जिस झाड़ी में वो बच्ची पुलिस को लहूलुहान हालत में मिली थी. आगे कहानी हैरान करने वाली है.
29 जनवरी 2024, भोपाल सोमवार, 29 जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे भोपाल के कोहेफिजा इलाके में लोगों को झाड़ियों के बीच एक लड़की के कराहने की आवाज सुनाई देती है. पहले तो लोगों को माजरा समझ में नहीं आता, लेकिन जब लड़की का रोना-कराहना बंद नहीं होता, तो वो अंधेरे में हिम्मत जुटा कर झाड़ियों के बीच झांकने की कोशिश करते हैं और इस कोशिश में उन्हें जो कुछ दिखाई देता है, उससे लोग सिहर उठते हैं.
झाड़ियों में लहूलुहान पड़ी थी मासूम बच्ची यहां झाड़ियों के बीच सात-आठ साल की एक बच्ची लहूलुहान पड़ी थी. उसका गला कटा हुआ था और आस-पास खून की खून बिखरा था. आम तौर पर ऐसे भयानक हमले में किसी भी इंसान की जान चली जाती है, लेकिन इसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर बच्ची की किस्मत उसके गले में किसी धारदार हथियार से काटे जाने का एक गहरा निशान होने के बावजूद बच्ची की सांसें अब भी चल रही थीं. कहने की जरूरत नहीं है कि आनन-फानन में लोगों ने पहले पुलिस को इसकी इत्तिला ही और फिर उसे उठा कर अस्पताल ले गए.
पुलिस को था बच्ची के ठीक होने का इंतजार बच्ची को पास के ही हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया, जहां उसकी हालत नाज़ुक बनी थी. ये एक मासूम के कत्ल की कोशिश का बेहद संगीन मामला था, एक ऐसा मामला, जिसमें खुशकिस्मती से बच्ची की जान बच गई थी. लिहाज़ा, पुलिस ने गुमनाम कातिल के खिलाफ कत्ल की कोशिश का मामला दर्ज किया और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. चूंकि इस वारदात का और कोई चश्मदीद नहीं था, पुलिस को बच्ची के ठीक होने का इंतजार था, ताकि वो अपने साथ हुई आपबीती सुना सके.
पिता तेज सिंह ने की थी बच्ची को मारने की कोशिश दो दिन गुज़रने के बाद अस्पताल में भर्ती मासूम की हालत थोड़ी ठीक हुई और उसने कहानी सुनाना शुरू किया. और तब पुलिस ये जान कर हैरान रह गई कि उसे इस हाल में पहुंचानेवाला कोई और नहीं बल्कि खुद उसका पिता तेज सिंह है, जिस पर बच्ची की हिफाजत और देख-रेख की जिम्मेदारी है. वैसे भी वारदात के बाद से बच्ची के पिता या घरवालों का दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं था, ऐसे में पुलिस पहले से ही उस पर शक कर रही थी, ऊपर से बच्ची ने सारी बातें बता दीं.
पत्नी से बेहद नफरत करता है तेज सिंह उसने बताया कि 29 जनवरी की रात को उसे उसका पिता घुमाने ले जाने की बात कह कर घर से यहां लेकर आया और इसी जगह पर उसने एक बड़े से चाकू से उसका गला रेत कर उसकी जान लेने की कोशिश की. पुलिस के ये पूछने पर कि उसके पिता के ऐसा करने की वजह आखिर क्या रही? बच्ची का कहना था कि उसके पिता उसे पसंद नहीं करते थे और अक्सर उसकी मां का जिक्र कर उसके साथ मारपीट करते थे. यहां तक कि उसके कत्ल की कोशिश करते हुए भी बच्ची का पिता बच्ची के मां को भला बुरा कह रहा था. यानी अब तक के हालात और बच्ची के बयान से ये बात तकरीबन साफ हो चुकी थी कि मासूम की जान लेने की कोशिश करने वाला शख्स बच्ची के साथ-साथ उसकी मां यानी अपनी पत्नी से भी सख्त नफरत करता है.

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