ज्योतिष: भाग्य वृद्धि में सहायक होते हैं ये तत्व, बढ़ाने से चमकती है किस्मत
ABP News
Lucky house in Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मकुंडली में नौवां घर भाग्य स्थान का होता है. इससे जुडे़ तत्वों को बल देने से भाग्यवृद्धि होती है.
प्रत्येक व्यक्ति की जन्मकुंडली में 12 भाव होते हैं. इसमें नौवां भाव भाग्य का कहलाता है. भाग्य में प्रमुखता से पाप-पुण्य विवेक, दान, उदारता, साधना, पर्यटन, पौत्र सुख, संपन्नता, उच्चशिक्षा, साहित्य रचना, लंबी दूरी की यात्राएं, शासन-प्रशासन, ज्योतिष, नेतृत्व, आदर्श और संतान-पिता का साथ देखे समझे जाते हैं. इन्हीं बातों को जीवन में बढ़ाया जाए और निखारा जाए तो भाग्यवृद्धि होती है. पर्यटन भारत में सदियों से धार्मिक अधिक रहा है. साथ ही व्यापार के लिए लोग पर्यटन करते थे. वर्तमान में मन-मस्तिष्क को तनाव रहित करने के लिए लोग यात्राएं करते हैं. यात्रा किसी भी रूप में व्यक्ति के अनुभव में वृद्धि करती है. अनुभव भाग्य निर्माण में सहायक होता है.More Related News