
जो बाइडेन नहीं लड़ेंगे अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, चिट्ठी लिखकर कहा- देश और पार्टी के हित में लिया फैसला
AajTak
जो बाइडेन नहीं लड़ेंगे राष्ट्रपति चुनाव, चिट्ठी लिखकर किया ऐलान
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दिलचस्प मोड़ आ गया है. वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापस ले लिया है. सामने आया है कि वह अब अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसकी पुष्टि खुद वर्तमान राष्ट्रपति ने की है. उन्होंने एक चिट्ठी लिखकर इसकी घोषणा की है. इसके साथ ही बाइडेन अगले हफ्ते राष्ट्र को संबोधित भी करेंगे.
बता दें कि, काफी दिनों से इसकी चर्चा थी कि क्या बाइडेन राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के साथ कई अटकलें भी चल रही थीं. उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर भी चर्चा थी कि वह स्वास्थ्य कारणों से राष्ट्रपति चुनाव शायद नहीं लड़ेंगे, और रविवार को आखिर इन अटकलों पर विराम भी लग गया कि, जब बाइडने ने खुद ही इस बारे में ऐलान कर दिया है.
गौर करें तो बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने की चर्चा तब से शुरू हो गई थी, जब कुछ दिनों पहले वह लाइव डिबेट में ट्रंप से पिछड़ते दिखे थे. चुनाव से पहले रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों की ओर से पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच पहली लाइव डिबेट हुई थी, जिसमें बाइडेन पर ट्रंप भारी पड़ते नजर आए थे. ऐसे में राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया और आम जनता के बीच अटकलें थीं कि बाइडेन को इस रेस से हट जाना चाहिए.
दरअसल इस डिबेट के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एडिटोरियल में कहा था कि अपने देश की सेवा करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को इस रेस से हट जाना चाहिए. इसके बाद एक वर्ग बाइडेन से रेस से हटने की मांग कर रहा था, लेकिन बाइडेन और उनकी प्रचार समिति ने तब कहा था कि, वह हार मानने को तैयार नहीं हैं और इस रेस से पीछे नहीं हटेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच जो लाइव टीवी डिबेट हुई थी. इस डिबेट में बाइडेन का प्रदर्शन खासा खराब रहा था. वह डिबेट के बीच में कई बार फ्रीज हो गए थे और कई बार उनकी जबान लड़खड़ाती नजर आई थी. ट्रंप के आरोपों को वह सही तरीके से काउंटर भी नहीं कर पाए थे. इसके बाद से दबी जुबान में ऐसी चर्चा थी कि बाइडेन मौजूदा हालत में ट्रंप को हरा नहीं पाएंगे.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.






