जज हत्याकांडः सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन
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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक झारखंड में अदालत परिसरों के अंदर और बाहर कानून-व्यवस्था की स्थिति का विस्तृत ब्योरा भी देंगे.
झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त जिला जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा की अगुआई वाली बेंच ने इस मामले में एक सप्ताह के भीतर झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के माध्यम से जांच पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. धनबादः अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद बुधवार की सुबह सैर पर निकले थे. एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मारकर मौत की नींद सुला दिया. वे इलाके के कुछ हाई-प्रोफाइल हत्या के मामलों की सुनवाई कर रहे थे. हाल ही में उन्होंने कुछ अपराधियों की बेल खारिज की थी. ये कोई बड़ी साजिश हो सकती है. pic.twitter.com/RMmM6cMB8Lनवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
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