छठ मनाकर पटाखे फोड़ रहा था परिवार, नाराज होकर पड़ोसियों ने कर दी फायरिंग, 3 घायल
AajTak
वैशाली में छठ त्योहार के बाद पूजा करके घर लौटे एक परिवार के तीन लोगों को पड़ोस के लोगों ने गोली मारकर घायल कर दिया. फिर मौके से फरार हो गए. तीनों घायलों को सदर अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. वहीं, पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है.
वैशाली जिले के अमृतपुर गांव में घर के बाहर पटाखा फोड़ने से मना करने बदमाशों ने तीन लोगों को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. तीनों घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर ले जाया गया. जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
घटना वैशाली थाना क्षेत्र के अमृतपुर गांव की है. यहां रहने वाला राय परिवार छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात अपने घर लौटा था. वे लोग घर जाकर पटाखा फोड़ रहे थे कि तभी पड़ोस के कुछ लोगों ने उन्हें पटाखा फोड़ने से मना किया. नहीं मानने पर दरवाजे पर चढ़कर गाली-गलौज की. बात आगे इतनी बढ़ी कि उन्होंने तीन लोगों को गोली मारकर जख्मी कर दिया.
गोली मारने के बाद सभी बदमाश मौके से फरार हो गए. इस दौरान करीब आधा दर्जन गोली चलाई गई. उधर घायलों को परिजनों ने सदर अस्पताल पहुंचाया. लेकिन डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया है.
घायलों में 35 वर्षीय प्रमोद राय जिसे दाहिने पैर में गोली लगी है, 70 वर्षीय पुत्र प्रदीप राय है जिनको सीने में गोली लगी है और तीसरा 30 वर्षीय मुकेश कुमार शामिल है जिसे बाए हाथ में गोली लगी है. सभी घायल लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं.
पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज करके फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है. उनकी धरपकड़ के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है. जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.