
चीन के साथ तनाव के बीच ताइवान ने किया रक्षा बजट का ऐलान, अमेरिका से खरीदेगा बड़े हथियार
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ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने 40 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त रक्षा बजट पेश किया, जिसके तहत बड़े अमेरिकी हथियार खरीदे जाएंगे. इसका मकसद चीन की बढ़ती सैन्य-पॉलिटिकल दबाव का जवाब देना है.
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने वॉशिंगटन पोस्ट के एक आर्टिकल में कहा कि ताइवान अपनी रक्षा के अपने पक्के इरादे को दिखाने के लिए 40 बिलियन डॉलर का सप्लीमेंट्री डिफेंस बजट पेश करेगा, जिसमें अमेरिका से 'बड़े' नए हथियार खरीदने का प्लान है.
यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब चीन ने पिछले पांच सालों में अपने दावों को साबित करने के लिए मिलिट्री और पॉलिटिकल दबाव बढ़ा दिया है, जिसे ताइपे पूरी तरह से खारिज करता है. दरअसल, चीन डेमोक्रेटिक तरीके से चलने वाले ताइवान को अपना इलाका मानता है.
लेकिन ताइवान को वॉशिंगटन से अपने डिफेंस पर ज़्यादा खर्च करने की मांग का भी सामना करना पड़ रहा है, जो यूरोप पर यूनाइटेड स्टेट्स के दबाव जैसा है. अगस्त में, लाई ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 2030 तक डिफेंस पर खर्च ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट के 5% तक पहुंच जाएगा.
क्या असर होगा?
लाई चिंग-ते ने वॉशिंगटन पोस्ट के एक आर्टिकल में लिखा, "यह लैंडमार्क पैकेज न सिर्फ यूनाइटेड स्टेट्स से बड़े नए हथियार खरीदने के लिए फंड देगा, बल्कि ताइवान की अलग-अलग क्षमताओं को भी काफी बढ़ाएगा."
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा करके, हमारा मकसद बीजिंग के फोर्स के इस्तेमाल पर फैसले लेने में ज़्यादा लागत और अनिश्चितता डालकर रोकथाम को मजबूत करना है."

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