
चीन के साथ तनातनी को राहुल गांधी ने रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़ा, बोले- लद्दाख में क्या हो रहा है
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-चीन के बीच जारी तनातनी की तुलना रूस-यूक्रेन युद्ध से कर दी है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि चीन देश की सीमा में बैठा हुआ है, लेकिन सरकार बात करने को तैयार नहीं है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन के साथ जारी तनातनी को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. लंदन में एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने गए राहुल गांधी ने बीजेपी पर कई वार किए. उनकी तरफ से कई मुद्दों पर विस्तार से बात की गई. लेकिन सबसे बड़ा हमला चीन के साथ जारी बॉर्डर तनाव को लेकर रहा.
राहुल गांधी ने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए उसका भारत-चीन के साथ समानांतर बता दिया. उन्होंने कहा कि पुतिन कह रहे हैं कि मैं उनके दो जिलों पर इसलिए हमला करूंगा क्योंकि वो किसी भी कीमत पर नेटो या अमेरिका से हाथ नहीं मिला सकते हैं. अब आप यहां पर समानांतर समझिए. यूक्रेन में क्या हो रहा है, लद्दाख में क्या हो रहा है.
कांग्रेस नेता की नजरों में जिस तरीके से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल रखा है, उसकी धरती पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है, चीन भी उसी फिराक में है. उनकी नजरों में भारत सरकार इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती है. कोई मंथन नहीं हो पा रहा है. चीन, भारत की जमीन पर बैठा हुआ है, ऐसा ही कुछ यूक्रेन में भी दिख रहा है.
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा है कि भारत को इस जटिल परिस्थिति से निपटना होगा. सिर्फ सतही तरीके से सोचकर कुछ नहीं होने वाला है. चीन के अलावा राहुल गांधी ने भारत की वर्तमान राजनीति पर भी विस्तार से बात की. जब उनसे लोकतंत्र को लेकर सवाल पूछा गया तो वे कह गए कि अब हर संस्थान पर सरकार का कब्जा हो गया है. हर संस्थान पर हमला किया जा रहा है.
बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने बीजेपी-संघ की विचारधारा पर भी हमला किया. उनकी माने तो बीजेपी और संघ तो भारत को एक भूगोल की तरह देखते हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए भारत लोगों से बनता है. राहुल ने मोदी सरकार पर आरोप लगा दिया कि उनके कार्यकाल में लोगों के पास नौकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि जो भी छोटे बिजनेस हैं, उन पर बीजेपी की नीतियों ने हमला किया है. फिर चाहे नोटबंदी रही हो या फिर जीएसटी या फिर किसान कानून.
वैसे उस कार्यक्रम में राहुल गांधी सिर्फ वहीं पर नहीं रुके. उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि भारत में इस समय ध्रुवीकरण की राजनीति जोर पर है. उनकी नजरों में अमेरिका को ये बात भारत को बताने की जरूरत नहीं है.

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