ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में कैसे थमेगा कोरोना संक्रमण? टेस्टिंग, दवाई और आइसोलेशन पर ये है केंद्र का प्लान
AajTak
कोरोना संक्रमण का असर अब ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों से जुड़े इलाकों, ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में कोविड-19 के रोकथाम और प्रबंधन पर एसओपी जारी की है, जिससे बढ़ते कोरोना मामलों पर लगाम लगाई जा सके.
महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की शहरी आबादी में कहर मचाने के बाद अब कोरोना संक्रमण ने गांवों में भी दस्तक दे दी है. कोविड-19 की चपेट में अब गांव भी आ रहे हैं. लोगों की बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं. गांव में पांव पसारते कोरोना संकट पर काबू पाने के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों से जुड़े इलाकों, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए कोरोना महामारी की रोकथाम और प्रबंधन पर मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तय की है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे रैपिड एंटीजन डिटेक्शन किट का सही तरह से इस्तेमाल करना सीखें और सही समय पर कोरोना मरीजों की पहचान हो सके. ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ रहे मामलों की रोकथाम के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया जाए, जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों पर नजर रखी जा सके. यह प्रक्रिया इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम(आईडीएसपी) के मुताबिक होनी चाहिए.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.