
गलवान झड़प के 5 साल बाद पहली बार चीन पहुंचे जयशंकर, उपराष्ट्रपति से की मुलाकात, कल SCO समिट में करेंगे शिरकत
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2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के पांच साल बाद पहली बार जयशंकर चीन पहुंचे हैं. वह मंगलवार को तियानजिन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे. साथ ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय चीन के दौरे पर हैं. वह सिंगापुर से सीधे चीन पहुंचे हैं. यहां उन्होंने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से बीजिंग में मुलाकात की.
चीन के उपराष्ट्रपति के साथ इस मुलाकात की तस्वीर को शेयर करते हुए जयशंकर ने कहा कि आज बीजिंग पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई. शंघाई सहयोग संगठन में चीन की अध्यक्षता को लेकर भारत का समर्थन जताया. दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है. उम्मीद है कि मेरी इस यात्रा के दौरान बातचीत सकारात्मक बनी रहेगी.
इस मीटिंग के दौरान जयशंकर ने कहा कि पिछले अक्तूबर में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुलाकात के बाद से दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ है. मुझे यकीन है कि इस दौरे के दौरान हमारी चर्चा से यह सकारात्मकता बनी रहेगी.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के राजनयिकों संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं. कैलाश मानसरोवर यात्रा बहाल करने को भारत में खूब सराहा गया है. दोनों देशों के संबंध सामान्य होने से लाभ होगा.
जयशंकर ने कहा कि आज जब हमारी मुलाकात हो रही है तो ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्थिति बहुत जटिल हो गई है. पड़ोसी मुल्क और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं होने के नाते भारत और चीन के बीच पारस्परिक विचारों का आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण होगा.
इससे पहले जयशंकर सिंगापुर में थे, जहां उन्होंने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज समिट में हिस्सा लिया था. बता दें कि 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के पांच साल बाद पहली बार जयशंकर चीन पहुंचे हैं. वह मंगलवार को तियानजिन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे. साथ ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान एलएसी पर तनाव कम करने, सीमा पर शांति बनाए रखने और व्यापार एवं निवेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.

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