'गंभीर अंजाम, फिर भी...' स्वीडन में कुरान के दोबारा अपमान पर OIC ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
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स्वीडन में पिछले महीने बकरीद के मौके पर जलाई गई कुरान को लेकर जारी विवाद थमा भी नहीं था कि स्वीडिश पुलिस ने एक बार फिर कुरान जलाने की अनुमति दे दी थी. स्वीडन पुलिस ने इस बार इराकी दूतावास के सामने जलाई कुरान जलाने की अनुमति दी थी.
स्वीडन में दोबारा कुरान जलाने की अनुमति पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. OIC ने स्वीडन के इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के घृणित कृत्य से होने वाले खतरनाक परिणामों के बावजूद स्वीडिश अधिकारियों ने अनुमति देना जारी रखा है.
स्वीडिश रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडिश पुलिस ने इस बार भी उसी इराकी शरणार्थी (सलवान मोमिका) को कुरान जलाने की अनुमति दी थी. जिसने बकरीद के मौके पर स्टॉकहोम मस्जिद के सामने कुरान जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. अंतर इस बार यह था कि सलवान ने इस बार स्टॉकहोम मस्जिद के सामने नहीं बल्कि इराकी दूतावास के सामने कुरान जलाने की अनुमति मांगी थी.
स्वीडिश पुलिस ने सलवान मोमिका को गुरुवार को कुरान जलाने की अनुमति दी थी. लेकिन सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई कुरान नहीं जलाई गई है. लेकिन विरोध प्रदर्शन के वीडियो फुटेज में दो प्रदर्शनकारियों को कुरान में पैर मारते और उसे नष्ट करते हुए देखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, सलवान मोमिका कुरान पर पैर रख रहा था और इराकी झंडे से अपने जूते पॉलिश कर रहा था.
स्टॉकहोम पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया है कि सलवान मोमिका के साथ दो और लोग भी थे. जबकि सलवान मोमिका ने जिस जगह पर कुरान जलाने की अनुमति मांगी थी वहां लगभग 150 अन्य लोग मौजूद थे. जिनमें से अधिकांश पत्रकार थे.
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि इराकी दूतावास के सामने आज (20 जुलाई 2023) एक बार फिर पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान का अपमान किया गया है. OIC इस भड़काऊ और घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करता है."