
खाना नहीं खाते शाहरुख खान, कॉफी इतनी पसंद कि ऑफिस में खुलवाया स्टारबक्स
AajTak
स्टारबक्स के सीईओ सुशांत दाश ने ये खुलासा किया है कि स्टारबक्स का खार आउटलेट, जो शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के ऑफिस में है, उसे खोलने की बड़ी वजह शाहरुख खान का कॉफी प्रेम ही है. स्टारबक्स का ये आउटलेट, बांद्रा-खार इलाके में मीटिंग्स के लिए लोगों की फेवरेट जगहों में से एक है.
सुपरस्टार शाहरुख खान कितना कम सोते हैं, इस बारे में उनके साथ काम कर चुके हर शख्स के पास एक कहानी मिल जाती है. उनका इतना कम सोना, उनके कॉफी लवर होने का एक वाजिब कारण भी है. लेकिन शाहरुख का कॉफी प्रेम इतना तगड़ा है कि उन्होंने अपने ऑफिस में स्टारबक्स का एक आउटलेट खुलवा डाला!
स्टारबक्स के सीईओ सुशांत दाश ने ये खुलासा किया है कि स्टारबक्स का खार आउटलेट, जो शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के ऑफिस में है, उसे खोलने की बड़ी वजह शाहरुख खान का कॉफी प्रेम ही है.
शाहरुख ने की स्टारबक्स आउटलेट की डिमांड 15th रोड पर बना स्टारबक्स का ये आउटलेट, बांद्रा-खार इलाके में मीटिंग्स के लिए लोगों की फेवरेट जगहों में से एक है. राज शमानी के पॉडकास्ट में पहुंचे सुशांत दाश से ये पूछा गया कि ये पर्टिकुलर आउटलेट खुला कैसे और क्या ये सच में शाहरुख की डिमांड की वजह से खुला है, जैसा अक्सर कहा जाता है?
सवाल का जवाब देते हुए सुशांत ने कहा, 'वो (स्टारबक्स) के बहुत बड़े फैन हैं, ऐसा मैंने सुना है. उन्हें अपनी बिल्डिंग में एक स्टोर चाहिए था, जहां उनके पास जगह थी. वो खूबसूरत स्टोर है और उन्हीं की जगह है, वही लैंडलॉर्ड हैं. उनके ऑफिस से किसी ने अप्रोच किया था, ये कहते हुए कि उनकी बहुत इच्छा है, क्या आप लोग इसमें इंटरेस्टेड हैं. बात बन गई और वो बहुत प्यारा स्पेस है.'
पिछले कई सालों में शाहरुख के साथ काम कर चुके कई लोगों ने उनके कॉफी प्रेम के बारे में बात की है. फिल्ममेकर आनंद एल. राय ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि शाहरुख केवल तंदूरी चिकन और कॉफी पर पूरी लाइफ जिंदा रह सकते हैं.
आलिया को नापसंद है शाहरुख की ये बात शाहरुख के साथ डियर जिंदगी में काम कर चुकीं आलिया भट्ट ने, फिल्म के सेट पर हुआ एक मजेदार किस्सा इंडियन एक्सप्रेस को बताया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें शाहरुख की कोई भी बात नापसंद नहीं है. लेकिन 'जवान' सुपरस्टार में एक चीज ऐसी है जो उन्हें खराब लगी. आलिया ने बताया, 'वो बिल्कुल नहीं खाते. मैं एक घटना बताती हूं. सेट्स पार एकदम सन्नाटा रहता था. किसी को बोलने की इजाजत नहीं थी. हम बहुत हैवी सीन्स, लंबे टेक्स और बहुत सारे लंबे डायलॉग होते थे. हम पूरे सीन एक बार में करते थे.

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










