
क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का पद? जानें- लोकसभा में कैसे निभाता है अहम रोल
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प्रोटेम अध्यक्ष को लोकसभा का पीठासीन अधिकारी भी कहा जा सकता है. उसे रोजमर्रा की कार्यवाही करवानी होती है. वो नए अध्यक्ष के चुनाव तक सारी जिम्मेदारियां निभाएगा, यहां तक कि नए सदस्यों को शपथ भी दिलाएगा. हालांकि प्रो-टेम एक अस्थाई ओहदा है.
बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत कटक से भाजपा सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. वे स्पीकर के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा, जबकि नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ/प्रतिज्ञा लेंगे. वहीं, लोकसभा स्पीकर का चुनाव 26 जून को होना है.
बता दें कि भर्तृहरि महताब की नियुक्ति से पहले प्रोटेम स्पीकर के लिए कांग्रेस नेता कोडिकुन्निल सुरेश का नाम चर्चा में था. कोडिकुन्निल सुरेश 8 बार के लोकसभा सांसद रहे हैं, लेकिन इन अटकलों पर विराम लग गया है. राष्ट्रपति ने महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर दिया.
भर्तृहरि महताब 18वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष होंगे. राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों को लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत सुरेश कोडिकुन्निल, टीआर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को नियुक्त किया है.
क्या है प्रो-टेम स्पीकर?
प्रोटेम अध्यक्ष को लोकसभा का पीठासीन अधिकारी भी कहा जा सकता है. उसे रोजमर्रा की कार्यवाही करवानी होती है. वो नए अध्यक्ष के चुनाव तक सारी जिम्मेदारियां निभाएगा, यहां तक कि नए सदस्यों को शपथ भी दिलाएगा. हालांकि प्रो-टेम एक अस्थाई ओहदा है. ये तब तक काम करता है जब तक कि सदन का नया अध्यक्ष न चुन लिया जाए. बता दें कि स्पीकर का चुनाव बहुमत से होता है. संविधान में प्रो-टेम का जिक्र नहीं है. लेकिन संसदीय कार्य मंत्रालय के कामकाज पर ऑफिशियल हैंडबुक में प्रो-टेम अध्यक्ष की नियुक्ति और शपथ ग्रहण पर बात की गई है.
कैसे होता है प्रो-टेम का चुनाव?

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