
क्या भारतीय नागरिकों की युद्ध में जबरन भर्ती से फंस जाएगा रूस, क्यों है यह मानव तस्करी?
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रूस-यूक्रेन युद्ध और ज्यादा आक्रामक हो चुका. इस बीच रूस अपनी सेना के लिए विदेशी नागरिकों की भर्ती कर रहा है. हाल में पढ़ने या नौकरी के लिए मॉस्को पहुंचे कई भारतीयों को धोखे से मोर्चे पर भेज दिया गया. अब सवाल यह है कि दो देशों के बीच जंग में किसी तीसरे देश के नागरिक को धोखे से भर्ती करना क्या मानव तस्करी में नहीं आता?
उत्तराखंड का एक युवक पढ़ने के लिए रूस गया था लेकिन अब वो यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग में रूस की तरफ से शामिल है, वो भी जबरन. ये अकेला मामला नहीं. लगातार ऐसे केस आ रहे हैं, जहां भारतीय नागरिकों ने दावा किया कि वे अच्छी नौकरी का झांसा देकर रूस भेजे गए और वहां से उन्हें लड़ाई के मैदान में भेज दिया गया. बहुतों ने पासपोर्ट जब्त होने की भी शिकायत की. इंटरनेशनल नियम-कायदे देखें तो यह मानव तस्करी है. फिर क्यों रूस या ऐसा करने वाला कोई भी देश सजा से बचा हुआ है?
रूसी सेना में अभी कितने भारतीय इसपर कोई पक्का डेटा नहीं मिलता. दरअसल जबरन भर्ती के मामलों पर भारत सरकार ने एतराज जताया. इसके बाद पिछले अगस्त में रूसी एंबेसी ने बयान दिया कि उनकी सेना में भारतीयों की भर्ती नहीं हो रही. एंबेसी ने यह तक कहा कि वे उनके और यूक्रेन के बीच सैंडविच हो रहे भारतीय नागरिकों को भेजने पर काम कर रही है. वहीं राज्य सभी में डेटा दिया गया कि इस साल जुलाई तक रूस की आर्मी में 127 भारतीय फंसे हुए थे.
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. अब भी अवैध भर्तियां हो रही हैं. उत्तराखंड के मामले से यह साफ हो गया. यहां तक भारत सरकार को एडवायजरी जारी करनी पड़ी कि रूस में जॉब के नाम पर भर्ती जैसे एड निकलें तो तहकीकात कर लें.
कैसे फंसाए गए आम नागरिक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय युवाओं को एजेंट्स ने विदेश में अच्छे पैकेज का लालच दिया. किसी को होटल मैनेजमेंट, किसी को सिक्योरिटी में और किसी को हेल्पर की नौकरी का वादा किया गया. वीजा और टिकट भी एजेंट्स ने ही अरेंज किए. किसी को शक न हो, इसके लिए एजेंट परिवारों से पैसे भी लेते रहे. लेकिन वहां पहुंचते ही पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और हथियार चलाने की बहुत बेसिक ट्रेनिंग के बाद उन्हें लड़ाई के मैदान में भेज दिया गया.
यहां मानव तस्करी का एंगल कहां से आया ट्रिक करके सीमा पार ले जाना और वहां जाने पर दस्तावेज जब्त कर लेना- ये दोनों ही ह्यूमन ट्रैफिकिंग के तहत आता है. इसके अलावा उन्हें सीधे एक्सट्रीम खतरे की जगह पर भेजा जा रहा है, वो भी उनके अनचाहे.

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