
क्या ट्रंप के पास नेशनल गार्ड्स की तैनाती के अधिकार हैं? लॉस एंजिल्स मामले में क्यों हो रहा विवाद
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कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में अप्रवासियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए जो देखते ही देखते हिंसक हो गए. प्रदर्शनों को सख्ती से दबाने के लिए ट्रंप प्रशासन पूरा जोर लगा रहा है और इसी क्रम में नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है.
शनिवार को कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में अप्रवासियों के खिलाफ छापेमारी और सीमा शुल्क प्रवर्तन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुए. प्रदर्शनों को ट्रंप प्रशासन ने जिस तरीके से हैंडल किया, उसकी काफी आलोचना की जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए बेहद कम इस्तेमाल किए गए संघीय कानून के तहत एक निर्देश जारी किया जो राष्ट्रपति को कुछ परिस्थितियों में नेशनल गार्ड्स के सैनिकों को संघीय स्तर पर तैनात करने की अनुमति देता है.
उनके इस निर्देश के बाद कैलिफोर्निया में स्थिति पर नियंत्रण के लिए 2,000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती कर दी गई है जिसपर विवाद गहरा गया है.
इन तीन परिस्थितियों में राज्य में तैनात होते हैं नेशनल गार्ड्स
नेशनल गार्ड्स राज्य आधारित मिलिट्री फोर्स है जिसमें हजारों की संख्या में प्रशिक्षित सैनिक शामिल होते हैं. ये सैनिक पार्ट टाइम सेवाएं देते हैं. आम तौर पर, किसी भी राज्य के नेशनल गार्ड्स फोर्स गवर्नर के अनुरोध पर सक्रिय होते हैं. लेकिन ट्रंप ने अमेरिकी सशस्त्र सेवा संहिता के एक विशिष्ट प्रावधान 10 U.S.C. 12406 का हवाला देकर उस उन तीन परिस्थितियों को दरकिनार कर दिया है जिसमें नेशनल गार्ड्स की तैनाती की जाती है.
ये तीन परिस्थितियां हैं- अगर अमेरिका पर कोई विदेशी राष्ट्र हमला करता है या उसके आक्रमण का खतरा है, सरकार के खिलाफ विद्रोह हो रहा हो या विद्रोह का खतरा हो और अगर राष्ट्रपति सुरक्षा बलों के साथ अमेरिका के कानूनों को लागू करने में असमर्थ है तो नेशनल गार्ड्स की तैनाती की जाती है.
ट्रंप ने नेशनल गार्ड से अनुरोध करते हुए अपने ज्ञापन में कहा कि 'लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन अमेरिका की सरकार के अधिकार के खिलाफ विद्रोह का एक रूप है.'

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