
क्या आप अगले PM कैंडिडेट होंगे? लंदन में सवाल पूछे जाने पर क्या बोले राहुल गांधी
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ब्रिटेन दौरे पर हैं. यहां राहुल गांधी ने IJA के ईवेंट में हिस्सा लिया. राहुल से पूछा गया कि क्या आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं? इसके साथ ही यह पूछा कि क्या आप आने वाले चुनाव के लिए पीएम उम्मीदवार होंगे? राहुल ने सभी सवालों के जवाब दिए.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (IJA) के प्रोग्राम में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. राहुल ने विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने के आरोप पर भी पलटवार किया. राहुल से अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भी सवाल किया गया. पत्रकारों से बातचीत में राहुल ने कहा- मुझे याद है कि पिछली बार प्रधानमंत्रीजी विदेश गए थे और कहा था कि आजादी के 60 साल में कुछ नहीं किया. मुझे याद है कि उन्होंने कहा था कि हमने एक दशक ऐसे ही गंवा दिया है. भारत में अनलिमिटेड करप्शन था. यह सब उन्होंने विदेशों में कहा.
राहुल ने आगे कहा- जब वह (मोदी) कहते हैं कि 60 साल में कुछ नहीं हुआ तो क्या यह हर भारतीय का अपमान नहीं है? राहुल ने आगे कहा- मैंने कभी अपने देश का अपमान नहीं किया है. मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा. भाजपा को मेरी बातों को तोड़-मरोड़ना पसंद है. राहुल ने चीन को लेकर फिर बयान दिया और कहा- कांग्रेस की चीन को लेकर पॉलिसी बेहद साफ है. हम किसी को अंदर आने और धक्का देने की अनुमति नहीं देते हैं. लेकिन, अभी वास्तविकता यह है कि चीनी हमारे क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं. सैनिक मारे गए हैं और प्रधानमंत्री ने इसका खंडन किया है.
'बीजेपी और आरएसएस को हराना है मुख्य मकसद'
राहुल ने यह भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी को हराने की जरूरत लोगों के मन में गहराई तक बैठ गई है. भारत जोड़ो के दौरान कई दृष्टिकोण थे. इस यात्रा में बहुत अंडर करंट था. राहुल से जब यह पूछा गया कि क्या आप अगले पीएम कैंडिडेट होंगे? इस पर उन्होंने कहा- इस बात का डिस्कशन नहीं हो रहा है. सेंट्रल आइडिया भाजपा और आरएसएस को हराना है.
'बीजेपी के खिलाफ लोगों में गुस्सा'
राहुल ने बीबीसी को लेकर कहा- जो कोई भी सरकार के खिलाफ सवाल उठाता है, उस पर हमला किया जाता है और बीबीसी के साथ ऐसा ही हुआ. उन्होंने कहा- बीजेपी चाहती है कि भारत खामोश रहे. बीजेपी के खिलाफ बहुत गुस्सा है. भारत में विपक्ष अब किसी राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहा है, बल्कि हम संस्थागत ढांचे (सरकारी संस्थान) से लड़ रहे हैं. संस्थाएं तटस्थ नहीं हैं. सोशल मीडिया में कबूल करना प्रभावी नहीं है, यह सब गलत है.

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