
'क्या आतंकियों के पास इतना समय है...', पहलगाम में धर्म पूछकर गोली मारने के दावे पर बोले कांग्रेस विधायक
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महाराष्ट्र और कर्नाटक के कांग्रेस विधायकों ने पहलगाम में आतंकियों द्वारा लोगों से उनका धर्म पूछकर गोली मारने के दावों पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि क्या आतंकवादियों के पास लोगों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछने का समय है.
पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर जहां एक ओर देश आक्रोश में डूबा है, वहीं दूसरी ओर नेता इस मुद्दे पर विवादित बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे. पहलगाम हमले के चश्मदीदों ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी. इस नरसंहार का शिकार हुए 26 लोगों ज्यादातर हिंदू हैं. लेकिन महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता और विधायक विजय वडेट्टीवार ने चश्मदीदों पर ही सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि क्या आतंकवादियों के पास लोगों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछने का समय है. उनसे पहले बिल्कुल यही टिप्पणी कर्नाटक के मंत्री आर. बी. थिम्मापुर ने भी की थी.
उन्होंने कहा, 'सरकार को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. वे (सरकार) कह रहे हैं कि आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें मार डाला. क्या आतंकियों के पास यह सब करने का समय है? कुछ लोगों ने कहा है कि ऐसा नहीं हुआ. आतंकियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता, जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पकड़ो और कार्रवाई करो. यह देश की भावना है.' अपनी इस टिप्पणी से पैदा हुए आक्रोश के बाद कांग्रेस नेता ने कहा, 'यह नहीं पता आतंकवादियों ने धर्म पूछा या नहीं, लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया तो यह देश में अशांति पैदा करने की उनकी रणनीति थी.'
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#WATCH | Nagpur, Maharashtra | Congress MLA Vijay Wadettiwar says, "The government should take responsibility for the #PahalgamTerroristAttack. They (the government) are saying that terrorists killed people after asking them (about their religion). Do terrorists have time for all… pic.twitter.com/88ic7AM5gf
इससे पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री आर. बी. थिम्मापुर ने पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'जो आदमी गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली मारेगा और चला जाएगा. व्यावहारिक रूप से सोचें. वह वहां खड़ा होकर पहले धर्म पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा. देश इस हमले से दुखी है, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए इसे धर्म से जोड़ने की साजिश नहीं होनी चाहिए.' बता दें कि पहलगाम हमले में जीवित बचे लोगों ने खुलासा किया है कि 22 अप्रैल को बैसरन घाटी के मैदान में आतंकियों ने 26 लोगों को मारने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने के लिए कहा. जो ऐसा करने में विफल रहे, आतंकियों ने उन्हें मौके पर ही गोली मार दी.
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