
कौन हैं डॉ. एमएस स्वामीनाथन? जिन्हें मिलेगा भारत रत्न, कहे जाते हैं हरित क्रांति के जनक
AajTak
Announcement of Bharat Ratna: मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने धान की उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था. उन्हीं की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को काफी मदद मिली थी.
केंद्र सरकार ने भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. पीएम मोदी ने किसानों के मसीहा कहने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भी देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है. इस घोषणा के बाद एमएस स्वामीनाथन की बेटी सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मेरे पिता अगर जीवित होते तो बेहद खुश होते.
पीएम मोदी ने महान कृषि वैज्ञानिक रहे एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा के साथ अपने अकाउंट पोस्ट में लिखा, 'यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है. वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था.'
हरित क्रांति के जनक कहे जाते हैं डॉ. एमएस स्वामीनाथन मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने धान की उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था. उन्हीं की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को काफी मदद मिली थी.
IGRI-ICR, NCF समेत कई विभागों में निभाई प्रमुख जिम्मेदारियां डॉ. स्वामीनाथन ने अपने कई विभागों में रहकर किसान और कृषि के विकास के लिए अलग-अलग विभागों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभाई थी. अपने कार्यकाल के दौरान वे कई प्रमुख पदों पर रहे. वो 1961 से 1972 तक भारतीय कृषि अनुसंधान ससंथान के निदेशक रहे. इसके बाद 1972 से 1979 तक आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव रहे, 1979 से 1980 तक कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव पर रहे. इसके अलावा यूपीए सरकार द्वारा किसानों की स्थिति का पता लगाने के लिए 2004 में उन्हें नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स (NCF) कमीशन का अध्यक्ष चुना था. 2004 से 2006 तक उन्होंने आयोग की पांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें किसानों की स्थिति सुधारने के सुझाव भी दिए गए थे.
MSP को लेकर किसानों के हित में दिया था ये फॉर्मूला स्वामीनाथन ने बहुत पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर किसानों की परेशानियों को समझ लिया था. एमएसपी यानी किसानों के उत्पाद का वह मूल्य जिसे सरकार तय करती है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में सरकार को किसानों को उनकी फसल की लागत के 50 फीसदी मुनाफा फॉर्मूला यानी C2+50% का फॉर्मूले का सुझाव दिया था. ताकि किसानों को पचास प्रतिशत मुनाफा मिलाकर एमएसपी दिया जा सके.
पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से हैं सम्मानित देश के किसानों और कृषि में अहम योगदान के लिए डॉ. स्वामीनाथन को 1987 में कृषि के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक प्रथम खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

iQOO 15 भारत में लॉन्च हो चुका है. हफ्ते भर यूज करने के बाद हमें ये कैसा लगा. इस रिव्यू में बताएंगे. आम तौर पर iQOO की इमेज गेमिंग स्मार्टफोन वाली है. लेकिन इस बार चीजें थोड़ी बदली हैं. इस रिव्यू मे जानेंगे कि ये फोन कैसा परफॉर्म करता है. पेपर पर ये फोन पावरफुल लगता है, लेकिन क्या असलियत में ये अच्छा परफॉर्म कर रहा है? आइए जानते हैं.

Aaj 6 December 2025 का पंचांग (Aaj ka Panchang): 6 दिसंबर 2025, दिन-शनिवार, पौष मास, कृष्ण पक्ष, द्वितीया तिथि रात 21.25 बजे तक फिर तृतीया तिथि, मृगशिरा नक्षत्र सुबह 08.48 बजे तक फिर आर्द्रा नक्षत्र, चंद्रमा- मिथुन में, सूर्य- वृश्चिक राशि में, अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.51 बजे से दोपहर 12.33 बजे तक, राहुकाल- सुबह 09.36 बजे से सुबह 10.54 बजे तक, दिशा शूल- पूर्व.









