
कौन हैं अल्ताफ हुसैन जिन्होंने पाकिस्तान में मुहाजिरों को बचाने के लिए पीएम मोदी से मांगी मदद?
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एमक्यूएम पार्टी के संस्थापनक अल्ताफ हुसैन कभी कराची के सबसे अहम शख्सियत हुआ करते थे जिनकी एक आवाज पर शहर में कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो जाते थे. लंदन में निर्वासन में रहते हुए भी उन्होंने शहर पर अपना कब्जा बनाए रखा था हालांकि, अब कराची पर उनकी पकड़ लगभग खत्म हो चुकी है.
पाकिस्तान और भारत में चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुहाजिरों को बचाने की अपील की है. मुहाजिर उर्दू बोलने वाले वो मुसलमान हैं जो भारत से विभाजन के बाद पाकिस्तान, खासतौर से कराची शहर में बस गए थे. पाकिस्तान की सत्ता पर कभी मजबूत पकड़ रखने वाले मुहाजिरों की हालत दशकों से खराब है और पाकिस्तान में उन्हें भेदभाव और उत्पीड़न झेलना पड़ता है.
पाकिस्तान में मुहाजिरों की हालत पर बात करते हुए अल्ताफ हुसैन ने लंदन के एक प्रोग्राम में पीएम मोदी से मुहाजिरों की रक्षा की अपील की.
हुसैन ने कहा कि पीएम मोदी ने बलोच लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है जो कि साहसी कदम है और उन्हें मुहाजिर समुदाय के लिए भी इसी तरह से समर्थन जताना चाहिए. लंदन में निर्वासित जीवन जी रहे MQM नेता ने कहा कि उनकी पार्टी लगातार समुदाय के अधिकारों की पैरवी करती है.
उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई में अब तक 25,000 से ज्यादा मुहाजिरों की मौत हो गई है और हजारों गायब कर दिए गए हैं. उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि वो मुहाजिरों की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं.
आज पीएम मोदी से मुहाजिरों की आवाज उठाने की अपील करने वाले अल्ताफ हुसैन ने कुछ सालों पहले पीएम मोदी से भारत में शरण देने की मांग की थी. नवंबर 2019 में हुसैन ने पीएम मोदी से भारत में राजनीतिक शरण की मांग करते हुए कहा था कि उन्हें भारत में शरण दी जाए ताकि वो भारत में दफनाए गए अपने पुरखों की कब्रों पर जा सकें. उस दौरान ब्रिटेन की पुलिस ने उनके खिलाफ घृणा फैलाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया था और वो जमानत पर बाहर थे. अल्ताफ हुसैन की राजनीतिक शरण की मांग पर तब भारत ने कोई ध्यान नहीं दिया था.
उधर, पाकिस्तान की सरकार हमेशा से बेबुनियाद आरोप लगाती रही है कि हुसैन और उनकी पार्टी भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं.

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