कोहिनूर समेत दुनिया के ये हैं 7 नायाब हीरे, एक-एक की कीमत में तो पूरा शहर बस जाए, रोचक है इनकी हिस्ट्री
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History of 7 priceless diamonds of World: हीरा है सदा के लिए... ये टैगलाइन किसी एक ब्रांड के लिए नहीं बल्कि दुनिया में लोगों के सबसे फेवरेट ज्वैलरी यानी डायमंड पर पूरी तरह फिट बैठती है. खासकर इंडिया में महिलाओं की ज्वैलरी बॉक्स में सोने की ज्लैवरी के बीच हीरा किसी किंग की तरह जगह पाता है. हम आपको आज बताएंगे कि हीरे की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है. दुनिया में सबसे बड़े साइज के हीरे कहां हैं, सबसे महंगे हीरे कौन से हैं, इनकी कीमत कितनी है, इनके मालिक कौन हैं? इन हीरों की क्या खासियत है? और सबसे नायाब हीरों में क्या कुछ खास है?
सोने-चांदी की दीवानगी भले ही दुनियाभर के लोगों में हो लेकिन हीरा यानी डायमंड दुनिया के अधिकांश लोगों के लिए आज भी एक सपने जैसा ही है. दुनिया में सिर्फ इक्का दुक्का फीसदी लोगों के पास ही आभूषण के रूप में हीरा यानी डायमंड मौजूद है. ये तो रही बात हीरे के आभूषणों की लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे बड़े हीरे कितने वजन के हैं, उनकी कीमत करोड़ों-अरबों या कितने में हैं और इन हीरों के मालिक कौन हैं? कई हीरे तो इतने महंगे हैं कि उनकी कीमत में पूरा एक शहर बसाया जा सकता है. कई हीरे साइज में भले ही छोटे हैं लेकिन उनकी खासियतें उन्हें नायाब बना देती हैं. यूं हीं नहीं आज हीरे का बाजार अरबों-खरबों रुपये में पहुंच चुका है.
हीरे की हिस्ट्री-ज्योग्राफी-इकोनॉमी दुनिया के इतिहास पर अगर नजर डालें तो हीरे की खोज का इतिहास 2500 साल पुराना है. शुरुआती दौर में कटिंग और पॉलिशिंग की सुविधा नहीं होने के कारण हीरा अपने प्राकृतिक रूप में ही रहा और राजा-महाराजाओं की ताज की शान बना रहा. आधुनिक युग में सबसे पहले हीरे के खान की खोज गोदावरी और कृष्णा नदी घाटी के बीच गोलकोंडा के इलाके में हुई. सन् 1800 के आस-पास इस इलाके में हीरे के पहले खान की खोज हुई. उसके बाद साउथ अफ्रीका के हीरा खादानों के बारे में पता चला.
हीरे को धरती के अंदर तैयार होने में लाखों वर्षों का समय लगता है. अधिकांश हीरा पृथ्वी में 150 से 250 किलोमीटर की गहराई पर बनते हैं. यह दुनिया के केवल कुछ हिस्सों में ही पाया जाता है इसलिए रेयर पदार्थों की श्रेणी में आता है. हीरे का इस्तेमाल आभूषण और डेकोरेटिव आइटम्स बनाने के लिए किया जाता है. हीरा रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्ध रूप होता है. इसमें बिल्कुल भी मिलावट नहीं होती है. आपको बता दें कि यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाई-आक्साइड बना लेता है और बिलकुल भी राख नहीं बचेगी. इस प्रकार हीरे 100 फीसदी कार्बन से बनते हैं.
हीरे की कीमत क्या होती है? हीरा धरती पर पाया जाने वाला सबसे सख्त प्राकृतिक पदार्थ माना जाता है. डायमंड को कैरेट में आंका जाता है. डायमंड मार्केट के आंकड़ों को देखें तो 1 कैरेट हीरे की कीमत कम से कम 1 लाख और ज्यादा से ज्यादा 18 लाख रुपए हो सकती है. ध्यान रखें ये कीमतें केवल सफेद हीरे की होती है. और अगर हीरा गुलाबी, नीला, पीला, हरा हो तो कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इसके अलावा हीरे की कीमत उसकी साइज, कटिंग और पॉलिशिंग के टेक्निक से भी तय होती है.
दुनिया के नायाब हीरे और उनकी कहानी
1. दुनिया का सबसे बड़ा हीरा कलिनन हीरा दुनिया में अब तक मिला सबसे बड़ा हीरा है. यह अब तक पाया गया सबसे बड़ा रत्न-गुणवत्ता वाला खुरदरा हीरा है, जिसका वजन 3,106 कैरेट है. यह हीरा चार इंच लंबा, दो इंच चौड़ा और ढाई इंच ऊंचा था. इसे 26 जनवरी 1905 को दक्षिण अफ्रीका के प्रीमियर खदान नंबर 2 में खोजा गया था. इसका नाम खदान के मालिक थॉमस कलिनन के नाम पर रखा गया था. खोज के बाद इस हीरे को ब्रिटिंश किंग एडवर्ड सप्तम के सामने पेश किया गया और एम्सटर्डम ले जाया गया. इस विशाल हीरे को 96 छोटे टुकड़ों और 9 बड़े आकार के जेम्स में विभाजित किया गया.
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