कोरोना काल में मदद के नाम पर जमकर हुआ साइबर फ्रॉड, 372 FIR, 91 गिरफ्तार
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कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठाया गया. बड़ी संख्या में लोग ठगी का शिकार हुए. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन साइबर प्रहार शुरू किया है, जिसके तहत बड़ी कार्रवाई की गई है.
राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की कालाबाजारी हावी रही, तो वहीं हॉस्पिटल में बेड दिलाने के नाम पर भी जमकर फ्रॉड हुए. इन मामले में लोगों से लाखों की ठगी की गई. विभिन्न मामलों में शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन साइबर प्रहार शुरू कर दिया है. इसके अंतर्गत 372 एफआईआर दर्ज की गई हैं, तो वहीं 91 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. 95 डिवाइस की गई बरामद जॉइंट सीपी साइबर सेल प्रेमनाथ ने बताया कि विभिन्न राज्यों से फ्रॉड का ये गेम चल रहा था. टीम द्वारा उन राज्यों के डीजीपी से संपर्क किया गया है. दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे फ्रॉड करने के मामले में 372 मामले दर्ज किए हैं, जिसके तहत 91 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इन फ्रॉड के दौरान इस्तेमाल की गईं 95 डिवाइस को भी सीज किया गया है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.