
'कोई भी अध्यक्ष गांधी परिवार को गुडबाय नहीं कहेगा', चुनाव से पहले बोले शशि थरूर
AajTak
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच हो गई है. इसके साथ ही एक उम्मीदवार का नामांकन कैंसिल हो गया है. जिसके बाद अब इस पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला देखा जा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच हो गई है. इसके साथ ही एक उम्मीदवार का नामांकन कैंसिल हो गया है. जिसके बाद अब इस पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला देखा जा रहा है. वहीं तीसरे प्रत्याशी झारखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री केएन त्रिपाठी इस रेस से बाहर हो गए हैं. इस बीच चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कोई भी अध्यक्ष गांधी परिवार को गुडबाय नहीं कहेगा.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद गांधी परिवार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर शशि थरूर कहा, "गांधी परिवार और कांग्रेस का डीएनए एक ही है... गांधी परिवार को 'अलविदा' कहने के लिए कोई (पार्टी) अध्यक्ष इतना मूर्ख नहीं है. वे हमारे लिए बहुत बड़ी संपत्ति हैं..."
इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर अपने और खड़गे के चुनाव लड़ने की भी बात कही. उन्होंने लिखा, "यह जानकर प्रसन्नता हुई कि, जांच के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और मेरे बीच अध्यक्ष पद के लिए मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिता होगी. कांग्रेस और हमारे सभी सहयोगियों को इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया से लाभ मिले!"
Delighted to learn that, following scrutiny, Shri @kharge and I will be squaring off in the friendly contest for President of @incIndia. May the Party and all our colleagues benefit from this democratic process! pic.twitter.com/X9XAyy8JCB
20 फॉर्म में से 4 फॉर्म्स में मिली गड़बड़ी
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उम्मीदवारों के फॉर्म की जांच की जा चुकी है. इनमें 20 फॉर्म्स में से 4 में फॉर्म्स में हस्ताक्षर में भिन्नता पाई गई, जिसकी वजह से उन्हें अस्वीकृत कर दिया गया. अब इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने होंगे. झारखंड के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी का फॉर्म रिजेक्ट हो गया. दरअसल, खड़गे और थरूर ने गलती की गुंजाइश को देखते हुए एक से अधिक फॉर्म दाखिल किए थे.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.







