
केंद्रीय विद्यालय में सांसदों और डीएम के कोटे से नहीं हो सकेंगे एडमिशन, KVS का बड़ा फैसला
AajTak
हैदराबाद डिवीजन द्वारा जारी एक सर्कुलर में केवीएस मुख्यालय के निर्देशों का हवाला दिया गया और कहा गया कि अगले आदेश तक कोई भी प्रवेश 'विशेष प्रावधानों के तहत' नहीं किया जाना चाहिए.
MP-DM Quota in Kendriya Vidyalayas: केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने स्कूलों में एडमिशन को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है. अब अगले आदेश तक केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों और जिलाधिकारी कोटे समेत विशेष प्रावधानों के तहत एडमिशन पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अगले ऑर्डर तक सांसदों, जिलाधिकारियों आदि के कोटे के तहत होने वाले एडमिशन नहीं करवाए जा सकेंगे.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, हैदराबाद डिवीजन द्वारा जारी एक सर्कुलर में केवीएस मुख्यालय के निर्देशों का हवाला दिया गया और कहा गया कि अगले आदेश तक कोई भी प्रवेश 'विशेष प्रावधानों के तहत' नहीं किया जाना चाहिए.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के एमपी और डीएम कोटे सहित विशेष प्रावधानों के तहत केवीएस स्कूलों में प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाया था और केंद्रीय विद्यालयों में इस तरह के कोटा को खत्म करने की मांग की थी.
एएनआई से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों, जिला मजिस्ट्रेट प्रवेश कोटा को रोकने के लिए केवीएस का कदम सराहनीय है. उन्होंने कहा, "इस फैसले से हर साल एससी, एसटी, ओबीसी के लगभग 15,000 छात्र लाभान्वित होंगे. इस कोटा को स्थायी रूप से समाप्त करने की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "केवी में दाखिले में इस तरह के नामांकन में न तो आरक्षण नियमों का पालन किया जाता है और न ही प्रवेश का आधार योग्यता है. इसलिए आरक्षण और नामांकन के लिए योग्यता के आधार पर एक झटके में 30,000 सीटें बढ़ जाएंगी."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







