'कुछ लोगों को लगता है कि मुझे इस मुल्क से प्यार नहीं है', #BoycottLaalSinghChaddha पर बोले आमिर खान
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सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से बायकॉट लाल सिंह चड्ढा ट्रेंड हो रहा है, जिससे आमिर खुद परेशान हैं. इस पर अपनी राय रखते हुए आमिर ने कहा- एक फिल्म बनाने में बहुत मेहनत लगती है. एक एक्टर ही नहीं, बल्कि कितने लोगों के इमोशन्स जुड़े होते हैं.
आमिर खान के ड्रीम प्रोजेक्ट लाल सिंह लाल सिंह चड्ढा पर खतरा मंडरा रहा है. फिल्म के रिलीज से पहले ही सोशल मीडिया पर इसे बॉयकॉट करने की मांग हो रही है. सोशल मीडिया पर #BoycottLaalSinghChaddha ट्रेंड कर रहा है. फिल्म को लेकर क्रिएट हो रहे निगेटिव माहौल पर अब आमिर खान ने चुप्पी तोड़ी है. आइए बताते हैं आमिर खान ने क्या कहा?
क्या बोले आमिर खान?
सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से बायकॉट लाल सिंह चड्ढा ट्रेंड हो रहा है, जिससे आमिर खुद परेशान हैं. इस पर अपनी राय रखते हुए आमिर ने कहा- एक फिल्म बनाने में बहुत मेहनत लगती है. एक एक्टर ही नहीं, बल्कि कितने लोगों के इमोशन्स जुड़े होते हैं. फिल्म देखने के बाद आप उसे पसंद कर सकते हैं और उसे नापसंद करने का भी पूरा अधिकार आपके पास है.
आमिर खान ने आगे कहा- फिल्म रिलीज से पहले इस तरह की चीजें हर्ट करती हैं. पता नहीं लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं. मैं मानता हूं कुछ लोगों को लगता है कि मुझे इस मुल्क से प्यार नहीं है. लेकिन मैं उन्हीं लोगों से कहना चाहता हूं कि वो जैसा सोच रहे हैं, वो सच नहीं है. मुझे प्यार है अपने देश से और यहां के लोगों से. मैं उनसे यही गुजारिश करूंगा कि प्लीज मेरी फिल्म को बायकॉट न करें और थिएटर पर जाकर फिल्म देखें.
बॉक्स ऑफिस पर असफल होती फिल्मों पर आमिर की राय आमिर खान ने कहा- ऐसी बात नहीं है, फिल्में चली भी हैं. गंगूबाई, भूल भूलैया 2, कश्मीर फाइल्स, पुष्पा चली हैं. पुष्पा ने तो वर्ड ऑफ माउथ से फिल्म ने कमाल कर दिया था. ऑडियंस को फिल्म पसंद आएगी तो चलेगी ही. मुझे लगता है कि कोविड की वजह से फिल्में थोड़ी जल्दी आने लगी हैं ओटीटी पर. लोगों को लगता है कि अगर मैं थोड़ा और रूक जाऊंगा, तो घर में देख लूंगा. हालांकि मेरी फिल्मों के साथ ऐसा नहीं होता है. मेरी फिल्म 6-6 महीने तक ओटीटी पर नहीं आती हैं.
आमिर बोले- मैंने थिएटर के लिए फिल्म बनाई है. मैं चाहता हूं कि लोग थिएटर जाकर फिल्म देखें. ओटीटी के लिए जब कुछ बनाना होगा और मौका मिलेगा, तो मैं जरूर करूंगा. ओटीटी में किश्तों पर काम करने का मजा आता है. लेकिन मैं एक फिल्म बना रहा हूं, तो चाहूंगा कि सिनेमा के लिए बनाऊं. दूसरी बात कंटेंट की भी है. कंटेंट लोगों को पसंद आएगा, तो फिल्म चल जाएगी.
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