
कांग्रेस में जल्द शामिल होंगे प्रशांत किशोर, 2024 के लिए तैयार करेंगे पार्टी का रोडमैप
AajTak
प्रशांत किशोर जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस के टॉप सोर्सेज के मुताबिक, सारी चीजें तय हो चुकी हैं, बस इसका औपचारिक ऐलान बाकी है. इस संबंध में एक हफ्ते में सारी चीजें स्पष्ट हो सकती हैं. बता दें कि प्रशांत किशोर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
चुनावी रणनीतिकार (poll Strategist) प्रशांत किशोर (Prasant Kishor) जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे. कांग्रेस (Congress) सूत्रों के मुताबिक, सारी चीजें तय हो चुकी हैं, बस औचारिक ऐलान बाकी है. संगठन में प्रशांत किशोर की भूमिका क्या होगी, इस पर अभी मंथन जारी है. बताया जा रहा है कि इस पर हफ्तेभर में स्थिति साफ हो जाएगी.
कांग्रेस के टॉप सोर्सेज के मुताबिक, प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. प्रशांत को सलाहकार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और नेता के रूप में काम करने के लिए कहा गया है. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जरूरी रोडमैप और संगठनात्मक परिवर्तनों के बारे में एक प्रेजेंटेशन दिया है.
प्रशांत किशोर ने 370 लोकसभा सीटों पर ध्यान देने को कहा
10 जनपथ में हुई कांग्रेस की मीटिंग में मौजूद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं के सामने प्रेजेंटेशन दिया था. पार्टी के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा की 370 सीटों पर ध्यान देना चाहिए और बाकी सीटों पर गठबंधन करना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप पर भी स्थिति साफ होगी. 2024 के लिए जो रोडमैप तैयार किया जा रहा है, उसके अंतर्गत जो मौजूदा अलायंस पार्टनर हैं, कांग्रेस उनके साथ ही चुनाव में जाएगी. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड, बिहार के लिए अलग रणनीति बनेगी. इसके अलावा राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग रणनीति बनेगी. बताया जा रहा है कि महिलाओं, युवाओं पर ज्यादा फोकस रहेगा.
शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर शनिवार को कांग्रेस के नेताओं की मीटिंग हुई थी. मीटिंग में इस बात पर लंबी चर्चा हुई थी कि पार्टी पूरे देश में कहां-कहां कमजोर है. इसके साथ-साथ पार्टी की कम्यूनिकेशन स्ट्रैटजी, मीडिया, सोशल मीडिया डिपार्टमेंट पर भी लंबी चर्चा हुई.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







